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Ayurvedic Herbs: सांस की तकलीफ हो या दिल की कमजोरी, पुष्करमूल है रामबाण उपाय

Ayurvedic Herbs: पुष्करमूल एक हिमालयी जड़ी-बूटी है जो सांस, हृदय और पाचन रोगों में बेहद लाभकारी मानी जाती है। जानें इसके औषधीय गुण, सेवन विधि और आयुर्वेदिक उपयोग जो आपके स्वास्थ्य को अंदर से मजबूत बनाते हैं।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 20, 2025

Ayurvedic Herbs

Ayurvedic Herbs (PHOTO- gemini ai)

Ayurvedic Herbs: हिमालयी क्षेत्र में अनेक ऐसी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अमृत समान मानी जाती हैं। इन्हीं में से एक है पुष्करमूल, जो प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में औषधीय पौधे के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। आज जब लोग फिर से प्राकृतिक चिकित्सा की ओर लौट रहे हैं, तो पुष्करमूल अपनी औषधीय शक्ति के कारण चर्चा में है।

पुष्करमूल क्या है

पुष्करमूल एक पहाड़ी पौधा है जो देखने में सूरजमुखी के फूल जैसा लगता है, लेकिन इसके औषधीय गुण उससे कहीं अधिक हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और ब्रोन्कोडायलेटर तत्व पाए जाते हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, सूजन को कम करने और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। यह त्वचा, बाल, हृदय और श्वसन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

सांस से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी

अगर आपको बार-बार सांस लेने में दिक्कत या खांसी-जुकाम की समस्या होती है, तो पुष्करमूल बेहद असरदार है। यह फेफड़ों की नलियों को साफ करता है और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके लिए पुष्करमूल चूर्ण को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पी सकते हैं। यह खांसी, बुखार और कफ को दूर करने में भी कारगर है।

हृदय रोगों के लिए रामबाण

आयुर्वेद में हृदय रोगों से बचाव के लिए पुष्करमूल को विशेष स्थान दिया गया है। इसके सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है, हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर घटता है। इसके लिए आधा-आधा चम्मच पुष्करमूल चूर्ण, अकरकरा चूर्ण, शृंग भस्म और वंशलोचन चूर्ण को मिलाकर रात में भोजन से पहले सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।

पाचन शक्ति बढ़ाने में मददगार

पुष्करमूल आंतों की सूजन, गैस, कब्ज और बार-बार पेट खराब होने जैसी समस्याओं में राहत देता है। यह पाचन तंत्र को संतुलित रखता है और भूख बढ़ाने में भी सहायक है। इसके लिए पुष्करमूल चूर्ण को गर्म पानी, नींबू रस या सादे पानी के साथ लिया जा सकता है।

सूजन और दर्द में उपयोगी

पुष्करमूल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण शरीर के दर्द, जोड़ों की सूजन और गाठिया जैसी समस्याओं में राहत देते हैं। इसे लेप के रूप में लगाना या पानी के साथ लेना दोनों ही तरीके से उपयोग किया जा सकता है। पुष्करमूल न केवल एक औषधि है बल्कि यह शरीर को अंदर से शुद्ध और मजबूत बनाता है। नियमित सेवन से यह सांस, हृदय और पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करके संपूर्ण स्वास्थ्य का संरक्षण करता है।