मुकुंदरा रिजर्व में एनक्लोजर का काम शुरू (फोटो- पत्रिका)
कोटा: मुकुंदरा रिजर्व टाइगर रिजर्व में अगले महीने तक अंतरराज्यीय बाघ कॉरिडोर के तहत बाघ लाने की तैयारियां चल रही है। इसके लिए एनक्लोजर बनाने का काम शुरू हो गया है, जो नवंबर मध्य तक कार्य पूरा हो जाएगा।
वन विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश से पांच बाघिनों को लाया जाना है, अलग-अलग टाइगर रिजर्व से एक-एक कर के बाघिनों को लाया जाएगा। इन्हें पहले सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाता है, इस दृष्टि से झामरा वनखंड क्षेत्र में सॉफ्ट एनक्लोजर बनाया जा रहा है।
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर व मुख्य वन संरक्षक सुगना राम जाट ने बताया कि गत महीनों में हुई तेज बारिश के कारण एनक्लोजर का काम शुरू नहीं हो सका था, लेकिन अब बारिश का दौर थम गया है। ऐसे में काम शुरू कर दिया गया है। वन क्षेत्र में एक हेक्टेयर भूभाग में करीब 30 लाख के खर्च पर एनक्लोजर बनाया जा रहा है।
इस एनक्लोजर में शुरुआती दिनों में टाइगर को रखा जाएगा। जब यह क्षेत्र के माहौल में ढल जाएगी, उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। जब भी एक से दूसरे स्थानों पर टाइगर और अन्य वन्यजीवों को लाया जाता है तो उसे पहले एक छोटे एनक्लोजर में देखरेख व स्थान परिवर्तन के प्रभाव को देखने के लिए रखा जाता है।
इंटरस्टेट कॉरिडोर के तहत मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से 5 बाघिनों को लाने की योजना है। इनमें से पेंच टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, माधव टाइगर रिजर्व समेत पांच टाइगर रिजर्व से बाघिनों को लाया जाएगा। पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन की शिटिंग की जाएगी। इन पांच बाघिनों में से दो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और तीन को रामगढ़ विषधारी में छोड़ा जाएगा।
प्रस्तावित बाघ स्थानांतरण कार्यक्रम के अंतर्गत गत महीने प्रदेश से वन विभाग की टीम मध्यप्रदेश माधव टाइगर रिजर्व गई थी। कोटा व बूंदी वन अधिकारी टीम में शामिल थे। वहां बाघों की ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग के संबंध में प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की थी। वहां के अधिकारियों को बाघिनों के लिए दो रेडियोकॉलर भी सौंपे थे। अब 15 नवंबर तक विभाग के अधिकारी फिर से मध्यप्रदेश जाएंगे, जहां बाघिनों को चिन्हित करेंगे।
कोटा प्रवास के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वन विभाग के अधिकारियों को मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में मध्यप्रदेश से बाघ शीघ्र लाने के निर्देश दिए हैं। बिरला ने कहा कि कोटा में जनवरी में होने से वाले ट्रैवल मार्ट से पहले बाघ लाए जाएं, ताकि पर्यटन देख सके।
Published on:
20 Oct 2025 05:21 pm
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