Sports Minister Arup took charge to defeat Chief Minister's brother Babun
केडी पार्थ
कोलकाता . बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प हो गया है। 29 नवंबर को चुनाव है। इस बार चुनाव में दो पैनलों के बीच घमासान हो रहा है। एक पैनल राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास का और दूसरा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई स्वपन बनर्जी उर्फ बाबुन का। इन दोनों पैनलों में से जिसको ज्यादा वोट मिलेगा उसका ही दबदबा होगा। इस चुनाव में बंगाल के कुल 36 संघ (एसोसिएशन) मतदान करेंगे। हर एसोसिएशन के पास दो वोट डालने का अधिकार है। देखना है इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा।
वैसे खेल जगत में यह चर्चा है कि ममता बनर्जी के अतिविश्वास पात्र और उनके कैबिनेट के मंत्री अरूप विश्वास पूरी शक्ति के साथ मैदान में दीदी के छोटे भाई स्वपन बनर्जी को हराने के लिए उतरे हैं। वहीं, पिछले आठ साल से बंगाल ओलंपिक पर अपना कब्जा जमाए दीदी के भाई स्वपन बनर्जी को भी संगठन में शक्तिशाली माना जा रहा है। जानकार यह भी बता रहे हैं कि स्वपन को मात देना सहज नहीं है।
बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन में पारदर्शिता लाने की आवाज विपक्षी खेमे से उठाई जा रही है। स्वपन बनर्जी के विपक्षी खेमे से उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे विश्वरूप डे का कहना है कि वे मुख्यमंत्री के निर्देश के बिना कोई काम नहीं करते। वे मुख्यमंत्री की बात मानकर ही बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन में चुनाव लड़ रहे हैं। वुशु एसोसिएशन ऑफ बंगाल के महासचिव शंभू सेठ इस बार विश्वरूप डे के खेमे से संयुक्त सचिव के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
बाबुन के बड़े भाई अजित बनर्जी सीधे मुकाबले में नहीं हैं। इस बार आजित को बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन ने चुनाव आयुक्त बनाया है। मतदाना कराने की जिम्मेवारी अजित पर ही है। लेकिन वे भी अपनी दीदी ममता की तरह पर्दे के पीछे से बाबुन को मात देने में जुटे हैं। चार साल पहले, बाबून ने अजित को हराकर अध्यक्ष पद को हथिया लिया था। इससे पहले वे एसोसिएशन के महासचिव थे।
पिछले लोकसभा चुनाव में स्वपन ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर हावड़ा से खड़े होने की इच्छा जताई थी। उस घटना के बाद दीदी की राष्ट्रीय राजनीति में जमकर किरकिरी हुई थी। विपक्ष को एक चुनावी मुद्दा भी मिल गया था। जब दीदी ने बाबुन को धमकी दी तो उन्होंने चुनाव लडऩे की अपनी जिद्द छोड़ दी। पर दीदी की नाराजगी अभी भी बरकरार है। खेलमंत्री के मैदान में उतारकर बाबुन को हराने की मुहिम से दीदी की नाराजगी का अंदाजा लग रहा है। इसलिए अरूप ने विपक्ष का एक मजबूत पैनल मैदान में उतारा है।
अध्यक्ष पद पर बाबुन को वेट लिफ्टिंग क्लब से चंदन रायचौधरी अपने एक मजबूत पैनल के साथ जमकर चुनौती दे रहे हैं। चंदन के पैनल में ज्वाहर दास सचिव, संयुक्त सचिव के लिए शंभू सेठ, दिलीप पालित, सुरभी मित्रा और उपाध्यक्ष के लिए सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
बाबुन के पैनल में सचिव पद पर कल्याण चटर्जी हैं। इनका मुकाबला ज्वाहर दास से हो रहा है। यह माना जाता है कि मैदान इलाके में ज्वाहर के पास सबसे अधिक वोट है। उनको गेम चेंजर भी बताया जाता है।
भाई और दीदी की लड़ाई में बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के कामकाज भी खुब प्रभावित हुए हैं। आरोप है कि पिछले चार साल से सरकारी अनुदान नहीं मिलने के कारण एसोसिएशन का विकास लगभग थम गया है। बंगाल ओलंपिक का शताब्दी वर्ष भी नहीं मनाया गया। इन मुद्दों को विपक्ष ने जमकर भुनाया है।
Updated on:
28 Nov 2024 06:41 pm
Published on:
28 Nov 2024 04:52 pm
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