Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पत्रिका टॉक शो : किसान बोले… सरकार को मदद करना है तो भावांतर नहीं MSP पर खरीदे सोयाबीन, तभी होगा भला

किसानों ने कहा कि बारिश में सोयाबीन की फसल काली पड़ी गई है। मंडी में सिर्फ 2500 से 3200 रुपए भाव मिल रहे। कुछ ही किसानों की उपज 3500 में बिकी है। जबकि उच्चतम भाव 4126 रुपए रिकार्ड हुआ है। बारिश में फसल बदरंग हो गई। इससे व्यापारी औन-पौने दाम पर खरीद रहे है।

3 min read

खंडवा

image

Rajesh Patel

Oct 10, 2025

support price

पत्रिका टॉक शो-किसानों ने चर्चा के दौरान भावांतर योजना को लेकर दिया फीडबैक

कृषि उपज मंडी में पत्रिका से किसानों ने की चर्चा, किसानों ने कहा कि भावांतर के बाद भी प्रति क्विंटल 500-1000 रुपए का नुकसान है। नवीन मंडी समिति में बुधवार को पत्रिका टॉक-शो में किसानों ने सोयाबीन की बर्बाद फसल और भावांतर भुगतान योजना को लेकर अपना दर्द बयां किया।

बारिश में बदरंग हुई किसानों की फसल

किसानों ने कहा कि बारिश में सोयाबीन की फसल काली पड़ी गई है। मंडी में सिर्फ 2500 से 3200 रुपए भाव मिल रहे। कुछ ही किसानों की उपज 3500 में बिकी है। जबकि उच्चतम भाव 4126 रुपए रिकार्ड हुआ है। बारिश में फसल बदरंग हो गई। इससे व्यापारी औन-पौने दाम पर खरीद रहे है।

लागत की एक चौथाई नहीं मिल रही कीमत

बारिश में सोयाबीन की खराब फसल के बाद उत्पादन लागत की एक चौथाई कीमत नहीं मिल रही है। अब उन्हें रबी सीजन में गेहूं-चना की बोवनी, बच्चों की फीस, बीमारी का इलाज कैसे होगा। यही नहीं उनके सोयायटी का कर्ज चुकाने की चुनौती है। इन सवालों को लेकर अन्नदाता परेशान हैं। किसानों ने सामूहिक रूप से कहा कि सरकार भावांतर की बजाए समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी करे तो अन्नदाता की आर्थिक कमजोरी को मदद मिलेगी।

किसानों का दर्द : अन्नदाता को 899 रुपए का घाटा

सरकार भावांतर भुगतान मंडी के मॉडल भाव पर तय होगा। मंडी में सोयाबीन 2773 से 4126 रुपए में बिका। समर्थन मूल्य 5328 रुपए है। दो सप्ताह के मॉडल भाव यदि 4500 तय हुआ तो तो इस हिसाब से 828 रुपए मिलेंगे। इस अंतर राशि को अगर न्यूनतम भाव 2773 से जोडा़ जाए तो कीमत 3601 रुपए होती है। ऐसे में भावांतर भुगतान के बाद भी किसान को मॉडल भाव से प्रति क्विंटल 899 रुपए का घाटा है। यदि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी करे तो न्यूनतम भाव 2773 रुपए में बेचने वाले किसान को सीधे 2555 रुपए प्रति क्विंटल का फायदा होगा।

पियूष, किसान...मंडी में दो सप्ताह का मॉडल भाव तय होता है कि किसानों को नुकसान होगा। व्यापारी और मंडी के अधिकारी मॉडल भाव कम नहीं होने देंगे। उपज खराब है इस लिए तीन हजार से अधिक कीमत पर नहीं खरीदी होगी।

बबन पटेल, किसान... सुभाष पटेल, किसान..दस एकड़ सोयाबीन में सिर्फ दस क्विंटल उत्पादन हुआ है। मंडी में 3200 रुपए प्रति क्विंटल बिका है। लागत 32 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर आया है। आज के मॉडल भाव से तो भावांतर भी भरपाई नहीं कर पाएगा।

सुभाष पटेल, किसान...सरकार वर्ष 2017-18 में भी भावांतर योजना लाई थी। किसानों का आज तक भुगतान नहीं हुआ है। सोयाबीन का उत्पादन एक से डेढ़ क्विंटल ही है। समर्थन मूल्य पर खरीदी होना चाहिए।

मंजीद मंसूरी, किसान...सोयाबीन की फसल काली पड़ गई। 2500 रुपए ही भाव मिले है। सरकार न्यूनतम भाव का भावांतर नहीं दे रही है। मॉडल भाव मंडी और व्यापारी तय करेंगे। इससे हमारा नुकसान है। समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी होनी चाहिए।

रावेन्द्र पटेल, किसान...सरकार सोयाबीन की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदे। भावांतर योजना में नुकसान है। इसमें व्यापारियों को फायदा है। बारिश के बहाने किसान न्यूनतम भाव पर ही किसानों की उपज खरीद रहे हैं।

पूनम राठौर, किसान...नौ एकड़ सोयाबीन में 11 क्विंटल उत्पादन हुआ है। 2700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सिर्फ 29 हजार 700 रुपए की उपज बिकी है। एक हेक्टेयर की लागत भी नहीं निकली। समर्थन मूल्य पर खरीदी होने से इसकी कीमत 58 हजार 600 रुपए मिलती।