
खंडवा ब्लाक में मनरेगा भवन : जिस छत के नीचे बैठे उसी भवन में लटक रही पाइप
जिले की महत्वाकांक्षी वॉटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट के हालात ठीक नहीं, सरकारी महकमों में ही ढीलपोल
जल संरक्षण संरचनाएं विकसित करने हम देशभर में नवंबर पर हैं। कैच द रैन में रूट वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज पिट,रिचार्ज साफ्ट समेत अन्य गतिविधियों में 1.29 लाख से अधिक संरचनाएं विकसित की गई। लेकिन, फील्ड में हकीकत की तस्वीरें कुछ और बयां कर रही हैं। शहरी क्षेत्र में शासकीय भवनों की बात करें तो हमारी रूफवाटर हार्वेस्टिंग की संरचनाएं दो माह में भी नहीं झेल सकीं।
कई जगहों पर तो पाइप ही टूटी-फूटी हैं। सोकपिट में गिट्टी, कंकड़ की जगह कचरा भरा है। कइयों भवनों में तो सिर्फ छत से पाइप लटक रही। जमीन में पांच बाय पांच का फिल्टर बेड ही नहीं है। कुछ में अधूरे छोड़ दिए हैं और अभी बने ही नहीं हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि तस्वीरें खुद ब खुद बयां कर रहीं हैं।
एक में सोकपिट दूसरे में निर्माण करना भूले
खंडवा ब्लाक सभागार में पोर्च के दाएं-बाएं में छत से पाइप नीचे लगा दी गई। सामने से बांई छोर में सोकपिट बना है। जबकि दाएं छोर में छत से नीचे तक पाइप लटक रही है। सोकपिट का निर्माण नहीं हुआ। इस भवन में अधिकारी आए दिन मीटिंग के लिए आते हैं। बावजूद इसके छत से पाइप लटक रही है।
जिस छत के नीचे बैठे उसी भवन में लटक रही पाइप
जपं खंडवा में मनरेगा भवन की छत से 5 से 6 पाइप नीचे लटक रहीं हैं। जमीन पर न तो फिल्टर बेड बना हुआ है और न ही साफ्ट सिस्टम का निर्माण हुआ है। हैरानी की बात तो यह कि सभी पाइप के ज्वाइंट खुले हैं। कार्यालय में बैठे अधिकारी विशेष अभियान चला रहे हैं। लेकिन जिस छत के नीचे बैठे हैं उसी छत में अभी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही नहीं है। पाइप छत से नीचे लटक रहीं हैं। यहां कार्यालय के कर्मचारी बोले अभी निर्माण नहीं हुआ है।
सोकपिट कचरे से पटा, पाइप के ज्वाइंट निकले
भू-अधीक्षक कार्यालय में छत की पाइप लगी है। टंकी में कचरा जमा हुआ है। दूसरी छोर पर छत से पाइप का ज्वाइंट निकला हुआ है। साइबर तहसील भवन में पिछले हिस्से में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हैं। पाइप निकली है। सोकपिट कचरा से पटा है। साइबर भवन में दूसरा पाइप निकली हुई है।
भवन में छत से दो छोर में पाइप नीचे तक लटक रहीं हैं। लेकिन टंकी से नहीं जुड़ी हैं। एक पाइप रैम्प पर टिकी है। दूसरी लटक रही है। टंकी का निर्माण भी अधूरा है। बारिश बीत गई। दो माह के बीच बारिश में एक दिन भी पानी रिचार्ज हुआ। उप पंजीयक शैलेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि इसका निर्माण पहले मावठे में कराया था। टंकी में पानी भर रहा। पत्रिका ने उन्हें हकीकत बताई तो बोले, ठेकेदार ने छोडे़ं है सुधार कराएंगे।
खनिज भवन में वॉटर हार्वेस्टिंग का निर्माण नहीं
कलेक्ट्रेट परिसर में खनिज भवन में वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। कलेक्टर हर बैठकों में वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण के लिए कह रहे हैं। बारिश बीत गई अभी तक निर्माण नहीं हुआ। खनिज निरीक्षक कंचना ने बताया कि भवन में मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है। इसी के साथ बनाने का प्रस्ताव है।
Published on:
28 Oct 2025 11:50 am
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