
मंडी में मक्का का भाव कम मिलने से भड़के किसानों ने इंदौर नाका पर किया चक्का जाम
सोमवार को मंडी में मक्का का भाव कम मिलने से किसान भड़क गए। दोपहर एक बजे से रात नौ बजे तक हंगामा हुआ। मंडी में डेढ़ बजे नीलामी रोकने के बाद इंदौर हाइवे पर शाम पांच तक चक्का जाम रहा। इससे यात्रियों को फजीहत हुई। इस बीच एंबुलेंस भी जाम में फंसी। किसानों ने एंबुलेंस को निकाला।
मंडी में शाम 5 से रात 9 बजे तक बैठक चली। अफसरों ने आश्वासन दिया है कि 20 त्न तक नमी वाली मक्का कम नहीं होगा। 3 त्न तक नमी में छूट मिलेगी। सुबह जो भाव खुलेगा। शाम तक उसी भाव के आधार पर नीलामी होगी। प्रतिदिन 400 वाहनों की खरीदी होगी।
मंडी में बीस हजार क्विंटल मक्का की उपज पहुंची। 600 से अधिक वाहन पहुंचे। दोपहर भाव कम होने पर हंगामा शुरू हो गया। किसानों का आरोप है कि व्यापारी मक्का में नमी बताकर 800 से 1000 रुपए भाव दे रहे है। जबकि 1300 से 2200 रुपए मिलना चाहिए। मंडी में सुबह जो भाव खुलता है वह दोपहर बाद ही कम हो जाता है। शाम तक 800 रुपए तक आ जाता है।
व्यापारियों का कहना है कि मक्का में अधिकतम 14 प्रतिशत नमी होनी चाहिए। लेकिन 20 से 30 प्रतिशत तक नमी रहती है। ऐसे में नुकसान है। किसान सूखी उपज लेकर आए तो भाव अच्छा मिलेगा।
शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक मंडी में पंचायत हुई। प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर केआर बडोले, अपर कलेक्टर अरविंद सिंह चौहान, मंडी सचिव, डीडीए कृषि और व्यापारी मौजूद रहे। भाकिसं के सुभाष पटेल, संयुक्त किसान संघ के जय पटेल आदि ने किसानों की मांग का रखा। किसानों की मांगे मानने के बाद मामला शांत हुआ। किसानों को 20 प्रतिशत तक नमी मक्का की खरीदी करेंगे। इससे अधिक पर भाव कम मिलेगा। तीन प्रतिशत तक छूट मिलेगी।
बैठक के दौरान किसी ने किसानों के शराब पीने की बात कही तो भड़क गए। किसानों ने कहा कि शराब दुनिया पी रही है। किसानों को शराब में मत उलझाइए, मक्का का भाव दिलाइए। हंगामे पर मंडी सचिव, डीडीए कृषि नितेश यादव और किसान नेता सुभाष पटेल समझाने में जुटे रहे।
Published on:
28 Oct 2025 12:03 pm
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