Tested skills of students
कटनी. शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा 2 और 3 के छात्रों का जिले में दो दिनों तक जिला स्तर पर व्यापक आंकलन किया गया। इस प्रक्रिया के तहत डाइट से राकेश सिन्नरकर और एपीसी अकादमिक सुवरण सिंह ने जिले के शिक्षकों को राष्ट्र स्तर पर प्राप्त प्रशिक्षण के आधार पर प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षित शिक्षक इसके बाद प्रत्येक स्कूल में बच्चों की हिंदी, गणित और अंग्रेजी की दक्षता का आंकलन करने में लगे।
23 और 24 सितंबर को आयोजित प्रशिक्षण में शिक्षकों को आंकलन की विधि, एमपी शिक्षा एप का संचालन, छात्रों से डेटा संग्रह की तकनीक और विश्लेषण की जानकारी दी गई। इसके बाद 26 और 27 सितंबर को पूरे जिले में आंकलन कार्य शुरू हुआ। 26 सितंबर को बड़वारा, बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा व 27 सितंबर को कटनी, रीठी और विजयराघवगढ़ में आंकलन कराया गया।
प्रत्येक विकासखंड की 10-10 शालाएं इस मूल्यांकन में शामिल की गईं। इस कार्य में 223 फील्ड इन्वेस्टिगेटर (एफआइ) ने भागीदारी निभाई। इनमें डाइट के विद्यार्थी, सीएसी और एफएलएएन में डीआरजी का कार्य करने वाले शिक्षक शामिल थे। आंकलन के दौरान बच्चों से सीधे संवाद कर उनकी हिंदी, गणित और अंग्रेजी की मौलिक दक्षता जांची गई।
एपीसी अकादमिक सुवरण सिंह ने बताया कि शिक्षा नीति-2020 के अनुसार वर्ष 2027 तक सभी बच्चों को एक निश्चित दक्षता स्तर तक पहुंचाना लक्ष्य है। जिले में यह दूसरा आंकलन है। इसके परिणाम से शिक्षा अधिकारियों को यह जानकारी मिलेगी कि कितने बच्चे अपेक्षित स्तर तक दक्ष हो चुके हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। जिला शिक्षा केंद्र ने फील्ड इन्वेस्टिगेटर के लिए 60 स्कूलों में जाने के लिए वाहन और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं मुहैया करवाई। आंकलन का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक तय किया गया था। छात्रों के डेटा का ऑनलाइन संग्रह और रिपोर्टिंग एमपी शिक्षा एप पर की गई।
प्रशिक्षित शिक्षक बच्चों के ज्ञान, समझ और व्यवहारिक कौशल का आंकलन कर रहे थे। फील्ड इन्वेस्टिगेटर ने डेटा को एप पर अपलोड किया ताकि परिणाम त्वरित और विश्वसनीय रूप में तैयार किया जा सके। इस आंकलन से शिक्षकों को शैक्षिक क्षेत्रों में सुधार, बच्चों के कमजोर विषय और आवश्यक प्रशिक्षण क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार इस आंकलन का परिणाम 4 माह के भीतर जारी किया जाएगा। इससे जिले के सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लक्ष्य के अनुरूप बच्चों की दक्षता में सुधार के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके अलावा, शिक्षकों को दक्षता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाएगा।
वर्जन
इस तरह का नियमित आंकलन बच्चों की मौलिक दक्षता में सुधार के लिए अहम कदम है। इसके माध्यम से न केवल शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा में समानता और सटीक मूल्यांकन भी सुनिश्चित होगा।
प्रेमनारायण तिवारी, डीपीसी।
Published on:
29 Sept 2025 08:38 pm
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