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गोल्ड का भंडार, करोड़ों का निवेश फिर भी कटनी में हवाई पट्टी निर्माण योजना ‘बेजान’

कटनी में नहीं बन पा रही हवाईपट्टी

3 min read

कटनी

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Balmeek Pandey

Sep 28, 2025

कटनी. जिले में गोल्ड का भंडार मिला है और जल्द ही खनन शुरू होने वाला है। हाल ही में कटनी में हुई माइनिंग कॉन्क्लेव में प्रदेश में 5600 करोड़ का निवेश भी मिला। जिला मार्बल उद्योग, आयरन ओर कारोबार, डोलोमाइट की भरपूर उपलब्धता और प्रसिद्ध सेंड स्टोन के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। माइनिंग, राइस मिल, दाल मिल से लेकर व्यवसाय के क्षेत्र में कटनी को प्रदेश की मिनी व्यापारिक राजधानी माना जाता है। इन सबके बावजूद जिले को हवाई सफर की सुविधा नसीब नहीं हुई। जिलेवासियों को हवाई सफर की सुविधा दिलाने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2012 में हवाई पट्टी निर्माण की घोषणा भी की थी। जानकर ताज्जुब होगा कि सीएम की घोषणा की 13 वर्ष बाद भी शहर में हवाई पट्टी निर्माण तो उपयुक्त जमीन ही चिन्हित नहीं हो सकी है। जिले में हवाई पट्टी निर्माण योजना ‘बेजान’ पड़ी हुई है। इधर दूसरी ओर प्रदेश सरकार जिले में आदर्श हैलीपेड निर्माण करने की तैयारी में है। हैरानी की बात तो यह है कि दो माह पूर्व विमानन विभाग ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर जमीन चिन्हित करने कहा है, इसके बावजूद अबतक स्थल चयन नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार कटनी में रेलवे महत्वपूर्ण जंक्शन होने के साथ ही देश के प्रमुख शहरों से रेल कनेक्टिविटी है। कटनी से मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व तक पहुंचने के लिए सुलभ सडक़ मार्ग हैं। इन सुविधाओं को ध्यान में रखकर देशी और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में कटनी पहुंचते हैं। इन पर्यटकों की सुविधा को भी ध्यान में रखकर स्थानीय नागरिक कटनी में हवाई पट्टी निर्माण की मांग कर रहे हैं। नागरिकों ने बताया कि कटनी में हवाई पट्टी निर्माण को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का रवैया भी उदासीन है।

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जमीन की तलाश के बाद भी अनदेखी

जानकारी के अनुसार झिंझरी और मझगवां में हवाई पट्टी के लिए जमीन देखी गई। झिंझरी में तकनीकी कारणों से निर्माण संभव नहीं हो पाना बता दिया गया। मझगवां में भी जमीन चिन्हित करने सर्वे हुआ, यहां पर जमीन उपयुक्त बताई गई थी, लेकिन यहां पर एक षडयंत्र के तहत खदान की स्वीकृति ने बड़े प्रोजेक्ट पर पानी फेर दिया और यहां प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया।

विमानन विभाग ने यह लिखा है पत्र

जानकारी के अनुसार मप्र शासन विमानन विभाग के उप सचिव डॉ कैलाश बुंदेला ने आदर्श हैलीपेड निर्माण को लेकर 19 अगस्त 2025 कलेक्टर को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि मप्र नागर विमानन नीति 2025 एवं भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए कटनी जिले में एक आदर्श हैलीपेड निर्मित किया जाना है। इसके लिए जमीन चिन्हित कर विस्तृत कार्ययोजना बनाकर भेजें। पत्र आने के करीब दो माह बाद भी जिला प्रशासन जमीन चिन्हित कर विभाग को प्रस्ताव नहीं भेज सका है।

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हमारे विधायक जबलपुर-उमरिया से भरते हैं उड़ान

जिले के विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक के पास एक चार्टेट प्लेन है। जिले में हवाई पट्टी न होने के कारण उन्हें उमरिया व जबलपुर जिले से उड़ान भरनी पड़ती है। जिले में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों के आगमन के दौरान भी अस्थाई हैलीपेड बनाया जाता है। हाल ही में हैलीपेड निर्माण को लेकर बड़वारा में स्थानीय लोगों ने विरोध भी कर दिया था।

इस तरह से पूर्व के वर्षों में चली थी प्रक्रिया

  • 14 जुलाई 2009 को विधायक पोद्दार ने विधानसभा में हवाई पट्टी निर्माण की रखी थी मांग।
  • 6 अक्टूबर 2009 पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर प्राक्कलन मांगा गया, इसके बाद भी नहीं बनी बात।
  • 11 जनवरी 2010 को विमानन विभाग को पत्राचार की सूचना दी गई, लेकिन विभाग की ओर से कुछ नहीं हुआ।
  • 4 मार्च 2010 सचिव, विमानन विभाग को पत्र लिखा गया, यहां से भी कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।
  • 2011 से 2016 के बीच बार-बार मांग पत्र, प्रश्न और पत्राचार होते रहे, पर प्रशासनिक अमला बेसुध रहा।
  • एक बार मेक्सिको की कंपनी ने भी यहां हवाई अड्डा निर्माण को लेकर सर्वेक्षण किया, लेकिन फिर बात वहीं रुक गई।
  • वर्ष 2023 में मझगवां में प्रस्तावित हवाई पट्टी के प्रस्ताव को विमानन विभाग ने निरस्त कर दिया।
  • वर्ष 2025 विमानन विभाग ने आदर्श हैलीपेड के लिए जमीन चिन्हित करने के लिए कटनी जिला प्रशासन को लिखा पत्र।

स्वास्थ्य सुविधाओं में मिलती मदद

हवाई पट्टी की अनुपलब्धता का एक बड़ा नुकसान आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में है। एयर एंबुलेंस जैसी सेवाएं अभी यहां संभव नहीं हैं। हवाई सुविधा होती तो मरीजों को नागपुर, दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में जल्दी पहुंचाया जा सकता था, जिससे कई जानें बच सकती थीं।