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खरीद नहीं होने से नाराज किसानों ने सड़क पर जीरी को आग लगा दी

(Haryana News ) नई अनाज मंडी में मांगों को लेकर चल (Farmers burn rice on road ) रहे धरने के तीसरे दिन किसानों ने सड़क पर डालकर जीरी को आग लगा दी और सरकार के (Angry farmers ) खिलाफ नारेबाजी की। सरकार की ऐसी खरीद का क्या फायदा, जब धान पड़ा रहे मंडी में करनाल की अनाज मंडी में किसानों और आढ़तियों ने मार्केटिंग बोर्ड के दफ्तर का घेराव कर हंगामा मचाया। इस हंगामे के बाद सरकार का नोटिफिकेशन आया। धान की खरीद शुरू हुई।

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खरीद नहीं होने से नाराज किसानों ने सड़क पर जीरी को आग लगा दी

खरीद नहीं होने से नाराज किसानों ने सड़क पर जीरी को आग लगा दी

करनाल(हरियाणा): (Haryana News ) नई अनाज मंडी में मांगों को लेकर चल (Farmers burn rice on road ) रहे धरने के तीसरे दिन किसानों ने सड़क पर डालकर जीरी को आग लगा दी और सरकार के (Angry farmers ) खिलाफ नारेबाजी की। सरकार की ऐसी खरीद का क्या फायदा, जब धान पड़ा रहे मंडी में करनाल की अनाज मंडी में किसानों और आढ़तियों ने मार्केटिंग बोर्ड के दफ्तर का घेराव कर हंगामा मचाया। इस हंगामे के बाद सरकार का नोटिफिकेशन आया। धान की खरीद शुरू हुई। लेकिन समस्या ये है कि मंडी में किसानों की फसल को खरीदने के लिए अभी तक जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को छोड़कर कोई भी राइस मिलर्स किसानों की फसल खरीदने के लिए मंडी में नहीं पहुंचा है।

किसान व आढ़तियों को होगा नुकसान
किसानों और आढ़तियों का कहना है कि सरकार की ऐसी खरीद का क्या फायदा जिसमें न बारदाना है और न ही राइस सेलर्स खरीद के बाद उठान होगा नहीं और उठान ना होने से धान काला पड़ जाएगा, जिसका नुकसान किसान और आढ़ती को उठाना पड़ेगा। खरीद शुरू करवाने के लिए भी किसानों को हंगामा करना पड़ा। किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

चल रही है तनातनी
राइस मिलर्स की अभी भी सरकार के साथ तनातनी चल रही है और इस खरीद में राइस मिलर्स साथ नहीं थे। तो ऐसे में सरकार की तरफ से धान की नमी तो चेक कर ली गई पर मंडी से धान उठाने का जिम्मा किसी को सौंपा नहीं गया। नतीजा है कि राइस मिलर्स न होने के कारण धान अभी तक मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है।

खुले पड़े धान से चिंता
किसानों ने शिकायत की कि हम फसल का ब्यौरा में दर्ज कराने के बाद अपनी फसल मंडी में लेकर आए। फिर भी हमारी फसल अभी तक खरीदी नहीं गई। सरकार और राइस मिलर्स की तनातनी का नुकसान आखिर किसानों को ही उठाना होगा। फिलहाल हमारी सबसे बड़ी चिंता है कि हमारी फसल यहां खुले आकाश में न रहें, जल्द इसका उठाव हो।

आढ़ती नहीं होंगे जिम्मेदार
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान बनारसी दास मित्तल की अध्यक्षता में 25 आढ़तियों ने एसडीएम के साथ बैठक कर मांग की है कि अगर 30 घंटे तक उठान नहीं होगा तो आढ़ती की जिम्मेदारी नहीं होगी। आढ़तियों ने कहा कि वह इस बार घटौती नहीं देंगे। एसडीएम ने 30 घंटे में उठाने का आश्वासन दिया।