प्रतीकात्मक तस्वीर, PC- X
कानपुर : दिल्ली से बिहार की ओर चली आम्रपाली एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15708) गुरुवार रात कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 40 मिनट तक खड़ी रही। वजह? जनरल बोगी में 'टाइम बम' और '12 आतंकियों' की झूठी सूचना! भीड़भाड़ वाली ट्रेन में सीट न मिलने की नाराजगी में दो सगे भाइयों ने कंट्रोल रूम को फोन कर हड़कंप मचा दिया। जीआरपी, पुलिस कमिश्नरेट, बम निरोधक दस्ता और फायर ब्रिगेड की टीमें छूटते ही स्टेशन पहुंचीं। तीन बार ट्रेन की कड़ी तलाशी ली गई, लेकिन कुछ हाथ न लगा। जांच पूरी होते ही ट्रेन रवाना हुई, और दोपहर तक आरोपी भाई फेथफुलगंज से दबोच लिए गए। अब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) भी मंसूबों की परतें उघाड़ रही है।
जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 11 बजे रेलवे इंक्वायरी नंबर 139 पर एक फोन आया। कॉलर ने दावा किया, 'आम्रपाली एक्सप्रेस की जनरल बोगी में काले कपड़ों वाले 12 आतंकी घुस आए हैं। उन्होंने बम प्लांट कर दिया है!' सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम ने कानपुर जीआरपी और पुलिस कमिश्नर को अलर्ट कर दिया। एसीपी कैंट आकांक्षा पांडे, जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह, एलआईयू और सर्विलांस टीम रात 12 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर तैनात हो गईं।
ट्रेन पहुंचने तक कॉलर से लगातार संपर्क बनाए रखा गया, लेकिन जैसे ही गाड़ी स्टेशन पर दाखिल हुई, फोन बंद! पुलिस ने हर बोगी, हर कोने को छान मारा। यात्रियों से पूछताछ की, खासकर जनरल बोगी वालों से। बम निरोधक दस्ते ने संदिग्ध वस्तुओं की जांच की, लेकिन सब साफ।
करीब 40 मिनट तक चली कार्रवाई में ट्रेन तीन बार खंगाली गई। कुछ न मिलने पर रात 12:40 बजे ट्रेन को हरी झंडी दिखा दी गई। इधर, संदिग्ध नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया गया। शुक्रवार दोपहर 2 बजे नंबर एक्टिव होते ही लोकेशन ट्रेस हुई - फेथफुलगंज! वहां छापा मारकर दो भाइयों – दीपक चौहान (25) और अंकित चौहान (22) – को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों घाटमपुर के रहने वाले हैं।
पूछताछ में भाइयों ने कबूल किया, 'दिल्ली से चढ़े थे। जनरल बोगी में भारी भीड़ थी, सीट नहीं मिल रही। इटावा में तीन यात्रियों से सीट को लेकर झगड़ा हो गया। गुस्से में दीपक ने कंट्रोल रूम को फोन कर अफवाह फैलाई, सोचा ट्रेन रुकेगी तो सीट मिल जाएगी।' कानपुर पहुंचते ही फोर्स देखकर डर गए, फोन बंद कर ट्रेन से उतर भागे और फेथफुलगंज में छिप गए। सुबह घर जाने का प्लान था, लेकिन फोन ऑन करते ही पकड़े गए।
दीपक ने बताया, 'मैं चंडीगढ़ में मजदूरी करता हूं, अंकित जयपुर में लकड़ी पेंटिंग का काम।' इंस्पेक्टर सिंह बोले, 'दीपक ज्यादा शातिर है, पहले भी ऐसी शरारतों का इतिहास। लेकिन क्रिमिनल रिकॉर्ड साफ है।' पुलिस कमिश्नरेट ने ट्वीट कर पुष्टि की कि झूठी सूचना के लिए दोनों पर कार्रवाई हो रही है।
अब मामला ATS के पास पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी अफवाहें न सिर्फ यात्रियों में दहशत फैलाती हैं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों का समय बर्बाद करती हैं। जीआरपी ने दोनों पर रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। क्या भाइयों के पीछे कोई बड़ा प्लॉट था? ATS की पूछताछ से साफ होगा।
Published on:
17 Oct 2025 08:25 pm
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