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भाई दूज पर नसीम सोलंकी ने विधानसभा अध्यक्ष से लिया आशीर्वाद, सतीश महाना बोले- तुम मेरी बेटी जैसी हो

Kanpur News: कानपुर की सीसामऊ से सपा विधायक नसीम सोलंकी भाई दूज और दिवाली की शुभकामनाएं देने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलीं। सतीश महाना ने उन्हें सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम मेरी बेटी जैसी हो।

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भाई दूज पर नसीम सोलंकी ने विधानसभा अध्यक्ष से लिया आशीर्वाद | Image Source - 'X' @solanki_naseem

Naseem Solanki Bhaiya Dooj Kanpur News: कानपुर की सीसामऊ से सपा विधायक नसीम सोलंकी बुधवार को पति इरफान सोलंकी के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलने पहुंचीं। नसीम ने महाना को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और मुस्कुराते हुए कहा, “भईया, कल भाई दूज है, मैं आपका टीका करना चाहती हूं।” सतीश महाना ने हंसते हुए कहा, “बिहन, मैं पंजाबी खत्री हूं। हमारे यहां भाई दूज मनाई नहीं जाती, लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है।” इसके बाद उन्होंने नसीम के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।

भाजपा सांसद रमेश अवस्थी से भी हुई मुलाकात

नसीम और इरफान सोलंकी ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद भाजपा सांसद रमेश अवस्थी से भी मुलाकात की। दोनों ने सांसद को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। सांसद ने नसीम को उनकी चुनावी जीत की बधाई देते हुए कहा, “सीसामऊ विधानसभा से यह जीत आसान नहीं थी, लेकिन तुमने इसे संघर्ष के साथ हासिल किया है।”

विधानसभा अध्यक्ष से मांगा आशीर्वाद

नसीम ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपनी और पति इरफान सोलंकी की सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगा। सतीश महाना ने मुस्कुराते हुए कहा कि तुम मेरी बेटी जैसी हो। मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है।

पिछले साल मंदिर विवाद का था केंद्र बिंदु

नसीम सोलंकी ने 2024 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उसी साल दिवाली पर वे वन खंडेश्वर मंदिर पहुंचीं और वहां भगवान शिव की पूजा के साथ दीप जलाए। इसके बाद मंदिर के पुजारियों ने परिसर और शिवलिंग का शुद्धिकरण कराया और हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगवाया।

पूजा के कारण नसीम पर जारी हुआ फतवा

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी किया। फतवे में कहा गया कि जिस महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है और उसे तौबा करनी चाहिए।

चर्चाओं के बीच विधानसभा जीत

इस विवाद के बावजूद नसीम सोलंकी ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। उस समय कई लोगों ने इसे नसीम का चुनावी स्टंट बताया था। 2025 में सपा विधायक बनने के बाद नसीम सोलंकी मंदिर नहीं पहुंचीं। इससे लोगों के बीच विभिन्न तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। राजनीतिक विश्लेषक इसे उनके सुरक्षित और विवाद-मुक्त राजनीतिक कदम के रूप में देख रहे हैं।