अस्पताल में भर्ती मरीज। पत्रिका फाइल फोटो
जोधपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में गलत मरीज को खून चढ़ाने से उसकी मौत हो गई। इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज को 10 अक्टूबर को खून चढ़ाया गया था। गलत खून चढ़ने वाले मरीज की हालत लगातार खराब होती जा रही थी। ऐसे में शनिवार और रविवार को मरीज को तीन यूनिट खून चढ़ाया गया। लेकिन, मरीज को नहीं बचाया जा सका।
डॉक्टरों के मुताबिक ऑपरेशन करके मरीज के शरीर से पानी निकाला गया। डायलेसिस भी किया गया। बीपी अत्यधिक कम होने से मरीज को बेड पर उलटा लेटाया गया। डॉक्टरों ने मरीज को बचाने का हर संभव प्रयास किया। लेकिन, तबीयत में कोई सुधार नही हुआ। आखिरकार 10 दिन बाद सोमवार को उपचार के दौरान मरीज मौत हो गई।
एम्स की इमरजेंसी में दस अक्टूबर को मांगीलाल नाम के दो व्यक्ति भर्ती थे। एक व्यक्ति डोली कलां निवासी मांगीलाल विश्नोई (50 साल) और दूसरा नागौर के पांचुड़ी कला निवासी मांगीलाल (80 साल) भी भर्ती था। डॉक्टरों ने 80 साल के मांगीलाल को खून की जरुरत बताई थी लेकिन एस के अस्पतालकर्मियों ने 50 साल के मांगीलाल को खून चढ़ा दिया। गलती का पता चलने पर डॉक्टर ने खून के बैग को हटाकर डस्टबीन में फेंक दिया था। लेकिन तब तक आधे से अधिक खून चढ़ चुका था। राहत की बात केवल इतनी थी कि मरीज को चढ़ाया गया खून और मरीज का स्वयं का खून दोनों एक ही ब्लड ग्रुप के थे।
इमरजेंसी में भर्ती एक गलत मरीज के खून चढ़ाने के मामले में अब तक एस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जांच कमेटी बनाकर लीपापोती की जा रही है। जांच के नाम पर केवल बयान लिए जा रहे हैं। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई को लेकर एम्स के पीआरओ डॉ. जीवन विश्नोई से वॉयस कॉल और टेक्सट मैसेज के जरिए जवाब मांगा गया, लेकिन दोनों ही मोड में उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।
Published on:
21 Oct 2025 09:10 am
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