
राजस्थान हाईकोर्ट। फाइल फोटो- पत्रिका
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद हुई हिंसा और पुलिस पर हमले के मामले में आरोपी रणजीत सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश चंद्र शेखर शर्मा की एकल पीठ ने कहा कि अधीनस्थ अदालत की ओर से आरोप तय करने के आदेश में कोई कानूनी खामी नहीं है। मामला 2017 में आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर से जुड़ा है।
एफआईआर के अनुसार, 24 जून, 2017 को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस एनकाउंटर में आनंदपाल की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। बाद में जसवंतगढ़ थाने के एसएचओ पर जानलेवा हमला हुआ। सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त किया गया और राजमार्ग पर अवरोध पैदा किया गया। बाद में लोकेन्द्र सिंह कालवी की अगुवाई में गठित समिति के माध्यम से समझौता प्रयास विफल हो गए।
आरोप है कि उनके समर्थकों ने लोगों को भड़काया, जिससे 12 जुलाई, 2017 को संवेदना सभा में हिंसा भड़की। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, वाहन जलाए, अधिकारियों को घायल किया और हथियार लूट लिए। इसमें प्लाटून कमांडर राजेंद्र सिंह का पिस्तौल छीन लिया गया और कांस्टेबल शंकर सिंह रावत पर केरोसिन डालकर आग लगाने की कोशिश की गई।
याचिका में दावा किया गया कि कार्रवाई राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। याची घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और कोई सबूत नहीं है। अधीनस्थ अदालत ने बिना तथ्यों पर विचार किए आरोप तय किए। वहीं, विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि गवाहों के बयानों से पर्याप्त आधार है और आरोप तय करने के चरण में विस्तृत जांच की जरूरत नहीं है। पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।
Published on:
24 Oct 2025 06:00 am
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