
सर्किट हाउस से जेल जाते हुए एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य। फोटो- पत्रिका
जोधपुर। लद्दाख में लेह के एडवाइजरी बोर्ड ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून रासुका के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में नजरबंद सोनम वांगचुक से शुक्रवार को पक्ष जाना। इस संबंध में सेंट्रल जेल जोधपुर में एडवाइजरी बोर्ड के लिए कोर्ट लगा, जहां दो घंटे के दौरान वांगचुक ने मौखिक ही नहीं बल्कि लिखित में अपना स्पष्टीकरण दिया। इस दौरान वांगचुक की पत्नी भी मौजूद रही।
लेह में हिंसा के बाद 26 सितम्बर को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर रासुका में जोधपुर सेंट्रल जेल लाकर नजरबंद कर दिया गया था। तब से वो जोधपुर जेल में बंद है। इस कार्रवाई के खिलाफ सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपील की थी। रासुका में नजरबंद होने के बाद एडवाइजरी बोर्ड गठित होता है, जो उसका पक्ष जानता है।
इसी के तहत लेह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एम.के. हंजूरा की अध्यक्षता में एडवाइजरी बोर्ड गठित किया गया। जिसमें लेह के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश मनोज परिहार व कारगिल के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश स्पलजेस आंग्मो को भी शामिल किया गया था। तीनों सदस्य गुरुवार को हवाई मार्ग से जोधपुर आए थे। वे शुक्रवार सेंट्रल जेल जोधपुर पहुंचे, जहां एडवाइजरी बोर्ड का कोर्ट लगा, जिसमें वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे आंगमो मित्र के रूप में मौजूद रही।
कोर्ट में दो घंटे चली सुनवाई के दौरान सोनम वांगचुक ने लेह में हुई हिंसा के संबंध में पहले अपना मौखिक पक्ष व स्पष्टीकरण रखा। तत्पश्चात उसने लिखित में भी अपना स्पष्टीकरण दिया। जिसे जानने के बाद एडवाइजरी बोर्ड जेल से बाहर आ गया। बोर्ड के सदस्य सर्किट हाउस में ठहरे हुए हैं।
यह वीडियो भी देखें
उधर, गीतांजलि जे अंग्मो ने शुक्रवार को रासुका में नजरबंद पति सोनम वांगचुक से चौथी मर्तबा मुलाकात की। वो सुबह जोधपुर आईं थी और फिर एडवाइजरी बोर्ड की सुनवाई के दौरान मौजूद रहीं। इसके बाद वो दुबारा जेल आईं और पति से मुलाकात की। इससे पहले भी वो तीन बार जेल में पति से मुलाकात कर चुकी हैं।
Published on:
24 Oct 2025 07:13 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

