जैसलमेर से जोधपुर जा रही निजी बस में एक दिन पहले हुए भीषण अग्निकांड के बाद बुधवार को स्वर्णनगरी का माहौल पूरी तरह गमगीन नजर आया। पुष्य नक्षत्र जैसे शुभ दिन पर भी शहर पर मायूसी का साया छाया रहा। गोपा चौक, गड़ीसर चौराहा, गांधी चौक, आसनी रोड, हनुमान चौराहा और कलेक्ट्रेट माग…र्। हर जगह बस हादसे को लेकर लोगों में दु:ख और दर्द देखने को मिला। गली-मोहल्लों, बाजारों और चाय की थडिय़ों पर दिन भर चर्चा का विषय यही हादसा रहा। लोग एक-दूसरे से बस में सवार यात्रियों की बातें साझा करते रहे। कई लोग जिन्होंने मृतकों या घायलों को जाना-पहचाना था, वे अभी भी सदमे से बाहर नहीं आ सके। हादसे ने पूरे शहर को झकझोर दिया है।
थईयात मार्ग, जहां एक दिन पहले आग ने कई जिंदगियां निगल ली थीं, बुधवार को सन्नाटे में डूबा नजर आया। वहां से गुजरने वाले लोग ठिठक कर उस स्थान को निहारते रहे, जहां राख में तब्दील बस अब भी जांच के घेरे में है। मार्ग पर सुरक्षा के लिए बेरीकेडिंग लगाई गई थी, ताकि लोग दुर्घटनास्थल के नजदीक न जा सकें। जवाहिर अस्पताल, जहां हादसे के दिन हजारों लोग घायलों और मृतकों की जानकारी लेने पहुंचे थे, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। अस्पताल के गलियारों में उस दिन की अफरा-तफरी की यादें आज भी ताजा हैं। शहर के खेल मैदानों में बच्चों की आवाजें नहीं गूंजीं, जिम में युवा नजर नहीं आए और बाजारों की रौनक भी आम दिनों की तुलना में फीकी रही। दुकानदारों ने बताया कि लोग खरीदारी के मूड में नहीं हैं, सबके चेहरे पर दुख और सहानुभूति के भाव हैं। हादसे ने दीपावली से पहले ही स्वर्णनगरी की खुशियों पर गहरा साया डाल दिया है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच भी हादसे के कारणों को लेकर चर्चा जारी है। लोगों में अब भी यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर ऐसी घटनाओं को रोका कब जा सकेगा ?
Published on:
15 Oct 2025 09:45 pm
बड़ी खबरें
View Allजैसलमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग