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वन्यजीवों से प्रेम की अनोखी कहानी…‘मुनकी’ की जुदाई पर छलके पूजा के आंसू

भगवान की बेटी पूजा वहां पहुंची और उसने जिद की कि इस मासूम को घर ले जाते हैं वरना यह भी मारा जाएगा।

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वन्यजीवों के प्रति इंसानों की तरफ से बरती जाने वाली क्रूरताओं के किस्से तो आए दिन देखने-सुनने को मिलते हैं, ऐसे वक्त में जैसलमेर जिले की 11 वर्षीया बालिका पूजा कंवर की हिरण के बच्चे के प्रति आत्मिक लगाव हर किसी के मन को द्रवित करने रहा है।

गौरतलब है कि इस साल जून माह में सनावड़ा गांव में भगवान सिंह के खेत के पास आवारा श्वानों ने हिरण का शिकार कर लिया। उसके पास हिरण का मासूम बच्चा बेसहारा हालत में था। भगवान की बेटी पूजा वहां पहुंची और उसने जिद की कि इस मासूम को घर ले जाते हैं वरना यह भी मारा जाएगा। ऐसे में भगवानसिंह उस बेजुबान को घर ले आए और गत अर्से के दौरान पूजा ने हिरण के बच्चे को च्मुनकीज् नाम देते हुए उसे बेहद लाड़-प्यार के साथ पाला। गत रविवार को जब वन विभाग की टीम मुनकी को लेने पहुंची तो पूजा की आंखों से आंसू बह निकले। फिर उसने कहा कि वह खुश है कि मुनकी जंगल में अपने प्राकृतिक घर जा रही है।

गाय-बकरी का पिलाया दूध

पूजा ने मुनकी की देखभाल उसी तरह की जैसे एक मां अपने नवजात शिशु की करती है। उसे गाय-बकरी का दूध पिलाकर पाला। दिनभर उसे खिलाती-पिलाती, खेत में घुमाती और गोद में सुलाती। सनावड़ा में 5वीं कक्षा में पढऩे वाली पूजा ने कहा कि वह बड़ी होकर वन विभाग की अधिकारी बनेंगी ताकि वन्यजीवों की रक्षा कर सके। पूजा का हिरण के बच्चे के प्रति निश्छल प्रेम की वनपाल कमलेश कुमार और वन्यजीव प्रेमी धर्मेंद्र पूनिया ने सराहना की और कहा कि ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।