Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Revenue Collection: इस विभाग ने राजस्थान सरकार की भर दी झोली, अब तक 4866 करोड़ रुपए से अधिक जुटाया राजस्व

Rajasthan Minerals: माइनिंग सेक्टर में सख्त मॉनिटरिंग और पारदर्शिता पर जोर, अवैध खनन पर होगी कड़ी कार्रवाई। माइनिंग सेक्टर में समन्वित प्रयासों से अर्जित होगा बड़ा राजस्व लक्ष्य।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Oct 29, 2025

Alwar district's excise department lags behind in revenue collection

Demo Photo

Rajasthan Mining Department: जयपुर। खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने कहा कि राज्य सरकार के लिए माइनिंग सेक्टर में बड़ा राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसे समन्वित प्रयासों से हासिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर 2025 तक विभाग ने 4866.17 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहित किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 115 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले वर्ष इस अवधि तक 4751.57 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ था।

प्रमुख सचिव ने कहा कि अब विभाग को आगामी महीनों में राजस्व छीजत रोकने और वसूली की गति को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार माइनिंग सेक्टर को सशक्त बनाने और राजस्थान को इस क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश के रूप में स्थापित करने पर बल देते रहे हैं।

रविकान्त ने सचिवालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में निदेशालय एवं फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि मॉनिटरिंग और एनालिसिस सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। जहां आरसीसी और ईआरसीसी ठेके लंबित हैं, वहां कम राजस्व वसूली पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विभागीय मशीनरी को अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सस्टेनेबल माइनिंग, माइनिंग प्लान के अनुसार उत्पादन, सुरक्षा मानकों की पालना और अवैध खनन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अतिरिक्त निदेशकों और अधीक्षण अभियंताओं को नियमित समीक्षा और अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए।

निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि विभाग ने राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य आरंभ कर दिया है। संयुक्त सचिव अरविंद सारस्वत ने ई-फाइलिंग, विधानसभा प्रश्नों के उत्तर और अन्य पत्राचार को समयसीमा में निपटाने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अभियंता एवं अतिरिक्त निदेशक ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में उपस्थित रहे।