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राजस्थान पुलिस ने MP के दो पत्रकारों को किया गिरफ्तार, डिप्टी CM दीया कुमारी से मांगे थे 5 करोड़

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने मध्य प्रदेश के भोपाल से संचालित वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल "द सूत्र" के दो पत्रकारों, आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर को हिरासत में लिया है।

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journalists from MP

पत्रिका फाइल फोटो

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने मध्य प्रदेश के भोपाल से संचालित वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल "द सूत्र" के दो पत्रकारों, आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर को हिरासत में लिया है। दोनों पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के खिलाफ झूठी और भ्रामक खबरें प्रसारित कर ब्लैकमेलिंग और उगाही करने का गंभीर आरोप है।

यह कार्रवाई जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शुक्रवार को की। राजस्थान पुलिस की एक विशेष टीम भोपाल पहुंची और दोनों आरोपियों को पकड़कर देर रात जयपुर लाया गया।

दोनों पत्रकारों पर FIR दर्ज

जयपुर के साइबर थाना पुलिस के अनुसार, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के कार्यालय के प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह राठौड़ ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर पिछले एक महीने से "द सूत्र" यूट्यूब चैनल और अपने परिचितों के वेब पोर्टल "द कैपिटल" पर दीया कुमारी के खिलाफ बिना किसी तथ्यात्मक आधार के मनगढ़ंत खबरें प्रसारित कर रहे थे।

इन खबरों में दावा किया गया कि दीया कुमारी ने सरकारी जमीन हड़प रखी है और भजनलाल सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। शिकायत में कहा गया कि इन खबरों को हटाने के बदले में दोनों पत्रकारों ने 5 करोड़ रुपये की मांग की और धमकी दी कि यदि राशि नहीं दी गई तो वे "डिस्ट्रॉय दीया" नामक अभियान चलाएंगे।

ब्लैकमेलिंग-प्रताड़ना की रिकॉर्डिंग पेश

पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि शिकायत के साथ ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना की रिकॉर्डिंग भी पेश की गई थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन खबरों का कोई ठोस आधार नहीं था और इन्हें केवल उगाही के इरादे से फैलाया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मध्य प्रदेश से हिरासत में लिया और उनके सहयोगियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।

जोसफ ने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। साइबर अपराध और उगाही के सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों पत्रकारों को 24 घंटे के भीतर जयपुर की स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।

खबरें हटाने के लिए मांगी रकम

जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हैं और क्या यह एक सुनियोजित ब्लैकमेलिंग रैकेट का हिस्सा है। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों ने दावा किया था कि उन्हें खबरें चलाने के लिए मोटी रकम मिल रही है, और यदि अधिक राशि दी जाए तो वे खबरें हटा देंगे। हालांकि, इस मामले में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।