
राजस्थान हाईकोर्ट और सीएम भजनलाल। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती 2021 के बारे में सरकार के निर्णय नहीं कर पाने को लेकर तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने घोटालों के कारण परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर संकट का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार का दायित्व है, वह परीक्षा की विश्वसनीयता को डगमगाने नहीं दे और उन पर विश्वास बहाल करने के लिए उचित कदम उठाए।
कोर्ट ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा में शामिल युवा असमंजस में हैं और सरकार जातीय लॉबी समूहों के वोटों के राजनीतिक दवाब के कारण निर्णय नहीं कर पा रही। कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक विभाग एसआइ भर्ती में आयुसीमा में छूट के बारे में विचार करने को बाध्य है, ऐसे में उपसमिति की सिफारिश के आधार पर 8 सप्ताह में पुनर्विचार कर निर्णय लिया जाए।
न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने सूरजमल मीणा व अन्य की एसआइ भर्ती 2021 में पात्र अभ्यार्थियों को नई भर्ती में आयु सीमा में छूट संबंधी 29 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने आयु सीमा में छूट के मामले में विधिक व्यवस्था देने का विकल्प खुला रखते हुए कहा कि सरकार युवाओं के अधिकारों की रक्षा नहीं करती है, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना होगा।
कोर्ट ने कहा कि सरकार निर्णय लेने में असमर्थ रही है और युवाओं का भविष्य अधर में है। राजस्थान सरकार राजनीतिक दबाव में है, जिससे नीति निर्माण भी प्रभावित हो रहा है। कोर्ट का कहना है कि एसआइ भर्ती से जुड़े कई अभ्यर्थी आयु सीमा पार कर चुके हैं, उनके पास और कोई विकल्प नहीं होने के कारण वे न्यायालय की शरण में आए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 के तहत युवाओं को निष्पक्ष अवसर मिलना उनका मौलिक अधिकार है।
कोर्ट ने देश में भर्ती घोटाले को लेकर अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में युवाओं के भविष्य को लेकर जताई जा रही चिंता को गंभीरता से लिया, वहीं कहा कि यह प्रकरण प्रशासनिक विफलता और युवाओं के संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है।
Updated on:
01 Nov 2025 06:48 am
Published on:
01 Nov 2025 06:47 am
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