ज्वैलर की यूनिट में 1.5 करोड़ की नकबजनी में छह आरोपी गिरफ्तार। फोटो पत्रिका
Jaipur Crime : जयपुर के माणक चौक इलाके में चार महीने पहले ज्वैलरी फर्म में हुई 1.5 करोड़ की नकबजनी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मामले में पुलिस ने एक फौजी सहित 6 व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। चोरी का माल खरीदने वाले सुनार और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। जांच में सामने आया कि, ज्वैलर के नौकर ने साजिश रची थी, जिसे फौजी ने अंजाम दिया। फौजी का भाई भी सेना में है और उसकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
डीसीपी (नॉर्थ) करन शर्मा ने बताया कि, गिरफ्तार आरोपियों में कृष्णा वाटिका जामडोली निवासी धीरज कुमार मीणा (27 वर्ष), गोविंदपुरी साउथ दिल्ली निवासी अनिल कुमार चौरसिया (38 वर्ष), कानोता निवासी विश्राम गुर्जर (27 वर्ष), मालपुरा गेट निवासी कमल गुर्जर (39 वर्ष), हिण्डौनसिटी निवासी धीरेन्द्र सिंह (29 वर्ष) और सलेमपुर दौसा निवासी संदीप सिंह (26 वर्ष) शामिल हैं। आरोपी संदीप 85 आर्म्ड रेजीमेंट, सूरतगढ़ आर्मी कैंट श्रीगंगानगर में पदस्थापित है।
थानाप्रभारी राकेश ख्यालिया ने बताया कि, 26 जून को संदीप और धीरेन्द्र, नानाजी की गली चौड़ा रास्ता स्थित फर्म में पहुंचे। पास की गली से रस्सी बांधकर खिड़की तोड़ी और भीतर घुस गए। अनिल के बताए स्थान से कीमती गहने व सामान समेटकर बैग में डाल लिया और अलग-अलग रास्तों से भाग निकले। संदीप दोबारा आर्मी कैंप लौट गया ताकि उस पर शक न हो। पृथ्वीराज मार्ग, अशोक नगर निवासी अंकित खंडेलवाल ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया था।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने चोरी के जेवर हिण्डौन के एक सुनार को बेचे थे। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। फर्म के कर्मचारी अनिल ने अपने हिस्से के पैसों से लोन चुकाया और मकान में काम करवाया। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
जांच में यह भी सामने आया कि फौजी संदीप ने 1 जून को श्याम नगर थाना क्षेत्र में रंजिशवश अपने घर के बाहर खड़ी एक एसयूवी में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। इस संबंध में श्याम नगर थाने में मामला दर्ज है। मामले के खुलासे में हेड कांस्टेबल चन्द्रपाल और कांस्टेबल विजयपाल की अहम भूमिका रही।
माणक चौक एसीपी पीयूष कविया ने बताया कि आरोपी संदीप सिंह डेढ़ साल ड्यूटी से गैरहाजिर रहा और इस दौरान वह लोन दिलाने का काम कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात धीरज से हुई, जिसने उसे ज्वैलरी फर्म और उसमें रखे माल की जानकारी दी। साजिश में फर्म के कर्मचारी अनिल को भी शामिल किया गया। संदीप ने लॉकर तोड़ने के लिए अपने दोस्त धीरेन्द्र और अन्य साथियों को साथ लिया।
Published on:
17 Oct 2025 09:40 am
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