Ganga Mata Temple
जयपुर. गंगा मैया का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर्व गुरुवार को राजधानी में रवि व सिद्धि योग, हस्त नक्षत्र, तैतिल करण और गर करण योग में भक्तिभाव से मनाया गया। गंगा मंदिरों में सुबह से ही दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, शयन आरती तक चला। बारिश के बावजूद लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई। लोग गंगा माता के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। गंगा माता के मंदिरों में सुबह गंगा माता का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवा कर शृंगार किया गया।
ठंडाई का प्रसाद वितरित
जयनिवास उद्यान स्थित देवस्थान विभाग के गंगा माता मंदिर में सुबह गंगा माता का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। शाम को फूल बंगला की झांकी सजाई गई और ठंडाई का प्रसाद वितरित किया गया
गंगा माता को लगाया 56 भोग
चांदपोल स्थित प्राचीन गंगा माता मंदिर में सुबह गंगा माता का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई। खंडेलवाल वैश्य समाज के महामंत्री सत्यनारायण ने बताया शाम को माता को फूल बंगले में विराजित कर 56 भोग की झांकी सजाई गई। इस मौके पर समाज का स्नेह मिलन समारोह भी आयोजित किया गया।
दोपहर में सजी पंचामृत झांकी
गोपालजी का रास्ता स्थित प्राचीन गंगा माता मंदिर में सेवारत पुजारी महेन्द्र कुमार पण्डा के सान्निध्य में गंगा माता का अभिषेक कर नयनाभिराम शृंगार किया गया। दोपहर में पंचामृत अभिषेक झांकी के दर्शन हुए। मंगला से शयन तक माता की सात झांकियां सजाई गई। शाम को संध्या आरती में फूल बंगला झांकी सजाई गई। पुजारी पण्डा ने बताया कि 7 जून का मंदिर में जलयात्रा की झांकी सजाई जाएगी।
गलता में हुआ गोमुख का पूजन
उत्तर भारत की वैष्णव पीठ गलताजी तीर्थ में सुबह गो मुख का पूजन किया गया। शाम 6.30 बजे सूर्य कुंड पर गंगा माता की आरती का आयोजन हुआ। गंगा दशमी पर बड़ी संख्या में लोग गलता में स्नान करने के लिए भी पहुंच रहे।
Updated on:
05 Jun 2025 03:32 pm
Published on:
05 Jun 2025 02:15 pm
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