
दिनेश प्रसाद शर्मा/हेमपाल गुर्जर
जयपुर/दौलतपुरा। मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी रोकने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) लागू कर दिया, लेकिन इसकी नियमित मॉनिटरिंग नहीं होने से श्रमिकों की हाजिरी का फर्जीवाड़ा रुक नहीं रहा है। एनएमएमएस में मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों के आने-जाने के दौरान उनकी फोटो खींचकर अपलोड करनी होती है, लेकिन अधिकतर जिलों में श्रमिकों के केवल आने की ही फोटो डाल रहे हैं।
कई स्थानों पर तो पहचान छिपाते हुए फोटो डाली जा रही है। बड़ी बात यह है कि राजधानी से 15 किलोमीटर दूर ही जयपुर जिले में श्रमिकों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा हो रहा है। हाल ही पत्रिका के संवाददाताओं ने आमेर तहसील की ग्राम पंचायत अखैपुरा में पंचायत भवन निर्माण स्थल पर पड़ताल की तो सामने आया कि मौके पर मिले मजदूर नियम विरुद्ध कार्य कर रहे थे। वे स्थानीय ना होकर दूसरे गांवों के थे। जिनका मस्टररोल में नाम तक नहीं था।
प्रदेश के 33 जिलों में मनरेगा कार्य चल रहे हैं। इनमें श्रमिकों की पलकों, सिर और फेस से हाजिरी की जा रही है। इसके बावजूद मेट व पंचायत के अन्य जिम्मेदारों की मिलीभगत से हाजिरी में अनियमितता की जा रही है।
एनएमएमएस पर भीलवाड़ा के आसींद ब्लॉक की ग्राम पंचायत बोरेला में 8 अप्रेल को राउमावि बोरेला में पौधरोपण में 4 में से 3 श्रमिक उपस्थित दिखाए, जबकि अपलोड फोटो में दो महिला श्रमिक हैं। फोटो भी एक ही बार अपलोड की गई।
एनएमएमएस पर अजमेर ग्रामीण ब्लॉक के दौराई पंचायत में 8 अप्रेल को चल रहे मनरेगा कार्य में दस श्रमिकों के आने की फोटो अपलोड की गई, लेकिन जाने की फोटो अपलोड नहीं की गई। दस श्रमिकों को उपस्थित दर्शाया है, फोटो में सिर्फ नौ हैं।
एनएमएमएस पर प्रतापगढ़ जिले के धामोतर ब्लॉक में 7 अप्रेल को एक स्थान पर चल रहे कार्य में पुरुष को ही साड़ी पहनाकर महिला श्रमिक बता दिया एवं छोटी सादड़ी ब्लॉक में श्रमिकों के साथ एक बच्चे का फोटो अपलोड कर रखा है।
जयपुर के आमेर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अखैपुरा में पंचायत भवन का निर्माण चल रहा है। पड़ताल की तो दिसंबर-2024 से कार्य चालू बताया। मौके पर मिले मजदूरों ने माना कि वे अचरोल, खोरामीणा, आंकेड़ा डूंगर व विश्वकर्मा क्षेत्र के हैं, जबकि काली देवी, मन्नी देवी, ममता देवी, चंदा देवी, बाबूलाल की ऑनलाइन उपस्थिति दर्शाई गई थी, जो मौके पर नहीं थे।
अखैपुरा पंचायत निर्माण कार्य में नरेगा की मस्टररोल में श्रमिकों की जगह अन्य मजदूर काम कर रहे हैं तो गलत है। इसमें मेट और ग्राम विकास अधिकारी जिम्मेदार हैं तो जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
- मोहित वर्मा, सहायक अभियंता पंचायत समिति आमेर
मनरेगा में राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने से पारदर्शिता आई है। गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। फिर भी कोई अनियमितताएं हो रही है तो सुधार किया जाएगा।
- पुष्पा सत्यानी, आयुक्त,ईजीएस जयपुर
Published on:
15 Apr 2025 07:50 am
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