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Diwali Pollution: दिवाली के बाद राजस्थान के 24 शहरों में सांस लेना हुआ मुश्किल, भिवाड़ी सबसे प्रदूषित

Rajasthan pollution: आतिशबाजी से बढ़ा धुआं और धूल, दो-तीन दिन तक रह सकता है असर, जयपुर की हवा हुई जहरीली, एक्यूआइ 250 के पार पहुंचा।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Oct 22, 2025

Air quality index: जयपुर। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बाद जयपुर की आबोहवा अचानक प्रदूषित हो गई है। आतिशबाजी के धुएं और धूल के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) तेजी से बढ़ गया है। सोमवार रात और मंगलवार सुबह के बीच हवा का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया। जयपुर का औसत एक्यूआइ 251 दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और खासतौर से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

शहर के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। शास्त्री नगर, विद्याधर नगर, सुभाष नगर और पानीपेच क्षेत्र में एक्यूआइ सबसे अधिक 287 दर्ज किया गया। सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर रही, जहां एक्यूआइ 275 रहा। आदर्श नगर, राजापार्क और जवाहर नगर क्षेत्रों में यह स्तर 256 तक पहुंच गया। एमआइ रोड और परकोटे के आसपास के क्षेत्रों में भी हवा की स्थिति खराब रही, यहां एक्यूआइ 238 दर्ज किया गया।

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद पूरे प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। भिवाड़ी राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां एक्यूआइ 332 तक पहुंच गया। चित्तौड़गढ़ में एक्यूआइ 287 रहा। अजमेर, अलवर, भरतपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, झुंझुनूं, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, श्रीगंगानगर और सीकर सहित 24 शहरों में एक्यूआइ 200 के पार दर्ज किया गया।

आतिशबाजी के कारण निकले धुएं, धूल और कार्बन कणों ने वातावरण में नमी के साथ मिलकर हवा को और भारी बना दिया है। इसके चलते लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचें, खासतौर से बुजुर्ग, बच्चे और हृदय या फेफड़े की बीमारी से पीड़ित लोग।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिन तक प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रह सकता है। मौसम में बदलाव या बारिश होने पर ही हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव है। फिलहाल प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक आतिशबाजी न करें और पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें।


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