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Rajasthan: तकनीक के मामले में पुलिस से दो कदम आगे साइबर ठग, खाता सीज करवाते ही ठगी की रकम दूसरे अकाउंट में डलवाते

Cyber ​​fraud: तकनीकी के मामले में साइबर ठग पुलिस से भी दो कदम आगे चल रहे हैं। भिवाड़ी एसपी प्रशांत किरण की पूछताछ में साइबर ठग गिरोह की परत दर परत खुलती गई।

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साइबर ठग। पत्रिका फाइल फोटो

जयपुर। तकनीकी के मामले में साइबर ठग पुलिस से भी दो कदम आगे चल रहे हैं। वे बाकायदा नेटवर्क के जरिए ठगी की रकम का लेनदेन करते हैं और एप से सभी म्यूल अकाउंट पर नजर रखते हैं। किस अकाउंट को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया, यह भी पता रखते हैं, जिससे साइबर ठगी की राशि उस अकाउंट की बजाय दूसरे में डाली जाती है।

साथ ही अकाउंट बंद होने का भी पता रहता है। अकाउंट मालिक बैंक में जाकर या एटीएम से पैसे न निकाल ले, इसके लिए गैंग के सदस्य उन पर नजर भी रखते हैं। भिवाड़ी पुलिस ने कुछ दिन पहले साइबर ठगी के मामले में म्यूल खाताधारक राशिद को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद यह सारी जानकारी सामने आई।

भिवाड़ी एसपी प्रशांत किरण की पूछताछ में साइबर ठग गिरोह की परत दर परत खुलती गई। आरोपी राशिद ने पूछताछ में बताया कि हरिद्वार निवासी अमित शर्मा के लिए काम करता है। गैंग ने ठगी के 122 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए।

सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर फंसाते है

आरोपी अंकित ने पूछताछ में बताया कि वे सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते हैं, जिसमें लिखा होता है कि घर बैठे कमाएं। कोई भी व्यक्ति विज्ञापन का लिंक खोलता है तो उक्त व्यक्ति का मोबाइल नंबर और आइपी एड्रेस गैंग के पास पहुंच जाता है। इसके बाद एक्स वॉलेट लिंक खोलने वालों को मैसेज करता है कि आप घर बैठे कमाने में रुचि रखते हैं। जवाब मिलने पर उन लोगों से उनके करंट अकाउंट नंबर की जानकारी मांगी जाती है, करंट अकाउंट नहीं होने पर गैंग ही खाता खुलवाती है।

तकनीकी आधार पर अमित का पता दिल्ली का निकला

राशिद की सूचना के बाच भिवाड़ी पुलिस साइबर जालखज अमित शर्मा की तलाश में जुट गई। तकनीकी आधार पर साइबर ठग अमित शर्मा के दिल्ली में रहने की जानकारी मिली। पुलिस टीम ने दिल्ली में दबिश दी तो वहां पर अमित की जगह साइबर ठग अंकित शर्मा मिला। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में अंकित ने बताया कि एक्स वॉलेट एप को उपयोग में लेते हैं।

एक ट्रांजेक्शन पर 3% कमीशन का वादा

गैंग के सदस्य अकाउंट खुलवाने वाले व्यक्ति से खाते में जमा होने वाली प्रति ट्रांजेक्शन राशि में से 3 प्रतिशत देने का वादा करते हैं। इसके बाद एक्स वॉलेट एप के जरिए ठगी की राशि जमा करवाने का लाइव देखते हैं।

भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलते

ठगी के पैसों से गैंग यूएसडीटी में पैसा लेते हैं और फिर पूरा पैसा बिटकॉइन में चेंज कर लेते हैं। बिटकॉइन से दुबई की मुद्रा में बदलकर चाहे जैसे काम में लेते है।

इनका कहना है

गिरफ्तार आरोपी अंकित से पूछताछ में एक्स वॉलेट एप की जानकारी मिली है। एप पर सभी म्यूल अकाउंट लाइव देखते रहते हैं। गैंग से ठगी के 122 करोड रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर होने के सबूत भी मिले हैं।
-राहुल प्रकाश, आइजी, जयपुर रेंज