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Rajasthan: भजनलाल सरकार का सख्त एक्शन, राजस्थान में 5 सरकारी शिक्षकों को किया गया सस्पेंड, जानें वजह

शिक्षा विभाग ने दूध पाउडर के दुरुपयोग की जांच के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

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bhajan lal sharma

फाइल फोटो- पत्रिका

जयपुर। राज्य सरकार की योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर के दुरुपयोग की शिकायतों के मामले में प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षिका शीला बलाई (राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर), प्रबोधक सुरेश कुमार (राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागणेसियों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर), वरिष्ठ अध्यापक मंगलाराम (राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर), व्याख्याता पप्पाराम गोदारा (राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फाटा, बालोतरा) और प्रधानाचार्य राजेश मीणा (मनमोरों की ढाणी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।

उच्च स्तरीय समिति का गठन

विभाग ने दूध पाउडर के दुरुपयोग की जांच के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति खबर में उल्लेखित तथ्यों का सत्यापन कर साक्ष्य एकत्र करेगी और चार दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों या शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट सौंपने के आदेश

प्रदेशभर के स्कूलों में मध्याह्न भोजन या अन्य पोषण सामग्री के दुरुपयोग को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिनों में सत्यापित कार्रवाई रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों और शहरी क्लस्टर प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्र के दो विद्यालयों का गहन निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं।

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शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि सभी विद्यालयों में स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पोषण सुधार के उद्देश्य से स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार गर्म दूध उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के करीब 57 लाख बच्चों को इस योजना से लाभ मिल रहा है, जिस पर राज्य सरकार सालाना लगभग 722 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।


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