
फोटो पत्रिका नेटवर्क
जयपुर। भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिसिस्ट्स (एसपीजी-इंडिया) का 15वां द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी “रॉक टू क्लाउड: जियो-एक्सप्लोरेशन एम्पावरिंग एनर्जी इवोल्यूशन” रविवार को जयपुर एक्सिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (JECC) में शुरू हुआ। इस सम्मेलन का उद्घाटन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन (IAS) ने किया। इस मौके पर ओएनजीसी के चेयरमैन एवं सीईओ अरुण कुमार सिंह, ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. रंजीत राठ, ओएनजीसी के निदेशक (अन्वेषण) और एसपीजी-इंडिया के संरक्षक ओ.पी. सिन्हा और एसपीजी-इंडिया के अध्यक्ष रणबीर सिंह उपस्थित रहे।
उद्घाटन सत्र में सचिव पंकज जैन ने कहा कि भारत अब क्रमिक प्रगति का विलास नहीं उठा सकता। ऊर्जा क्षेत्र में अब साहसिक रणनीतियों और नई खेजों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब जब वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत भारत की ऊर्जा मांग को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि तेल और गैस उत्पादन का शिखर कब आएगा, जरूरी यह है कि हम बड़े पैमाने पर नई खोजें करें। हमारे पास अब वैसा समय नहीं है जैसा सौ या डेढ़ सौ वर्ष पहले था। उन्होंने राष्ट्रीय डीपवाटर मिशन के अनुरूप साहसिक, समयबद्ध और नवाचार-आधारित अन्वेषण रणनीतियों को अपनाने की अपील की।
ओएनजीसी चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने कहा कि अब समय है जब पारंपरिक तकनीकों से आगे बढ़कर सीस्मिक इमेजिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित डेटा व्याख्या और एनालिटिक्स के माध्यम से नई खोजों को गति दी जाए। उन्होंने कहा कि तकनीकी क्रांति ही भविष्य की खोजों को परिभाषित करेगी और भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए निर्णायक सिद्ध होगी।
ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ ने कहा कि भारत आज विश्व के सबसे संभावनाशील हाइड्रोकार्बन अन्वेषण गंतव्यों में से एक है। उन्होंने इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए सुधारों 'जैसे ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP),हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) और ऑफशोर बिडिंग राउंड्स' का उल्लेख करते हुए कहा कि ये नीतिगत पहले भारत में ऊर्जा खोजों को नई दिशा दे रही हैं। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से “अन्वेषण की निरंतर खोज में बेचैन रहने” की अपील की। ओएनजीसी निदेशक ओ.पी. सिन्हा ने कहा कि यह विषय भारत के डेटा-ड्रिवन अन्वेषण युग का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अब भूगर्भीय सीमाओं से आगे बढ़कर डेटा और नवाचार ही ऊर्जा अन्वेषण का केंद्र है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ भू-विज्ञानी जी.सी. कटियार को बी.एस. नेगी गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। साथ ही एसपीजी 2025 सम्मेलन स्मारिका तथा जियोहोराइजन्स (GEOHORIZONS) पत्रिका का विशेष अंक भी जारी किया गया। प्रदर्शनी में विश्व की अग्रणी ऊर्जा कंपनियों की अत्याधुनिक तकनीकें प्रदर्शित की गईं। तीन दिवसीय यह आयोजन भारत के ऊर्जा भविष्य के रोडमैप पर वैश्विक विशेषज्ञों के मंथन का केंद्र बनेगा।
Published on:
26 Oct 2025 06:10 pm
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