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छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर! लाल आतंक से लौटे नक्सलियों का गुलाबों से हुआ स्वागत

Biggest Naxalite surrender: 17 अक्टूबर 2025 को बस्तर में 200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। नक्सली हथियार सौंपकर मुख्यधारा में लौटे, समाज ने किया स्वागत।

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Biggest Naxalite surrender (Photo source- Patrika)

Biggest Naxalite surrender (Photo source- Patrika)

Biggest Naxalite surrender: छत्तीसगढ़ के इतिहास में 17 अक्टूबर 2025 का दिन एक नई शुरुआत के रूप में दर्ज हो गया। इस दिन बस्तर ने नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ी सफलता हासिल की। 200 से अधिक नक्सलियों ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर लाल आतंक का रास्ता छोड़ दिया। इस अवसर पर नक्सलियों ने अपने हथियार सौंपकर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।

Biggest Naxalite surrender: विकास की दिशा में सबसे बड़ी सफलता

समर्पण करने वालों में कई बड़े नक्सली पदाधिकारी शामिल थे, जिन्होंने वर्षों तक अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वहीं नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद मांझी चालकी समाज ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को अपने समाज में शामिल किया। इसके लिए समाज के मुखिया ने नक्सलियों को लाल गुलाब देकर उनका समाज में स्वागत किया। वहीं सरकार ने इसे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में सबसे बड़ी सफलता बताया।

नक्सलियों ने डाले हथियार

नक्सलियों ने अपने हथियार पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने जमा किए, जिनमें शामिल हैं: 18 एके-47, 1 यूबीजीएल (UBGL),23 इंसास राइफल,17 एसएलआर,4 कार्बाइन,36 .303 राइफल, और अन्य विभिन्न बंदूकें।

इस मौके पर उपस्थित अफसरों में शामिल थे

Biggest Naxalite surrender: छत्तीसगढ़ डीजीपी अरुणदेव गौतम, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, एडीजी बीएसएफ, एडीजी सीआरपीएफ, बस्तर आईजी और डीआईजी, बस्तर संभाग के सभी एसपी, बस्तर कलेक्टर। सरेंडर कार्यक्रम का उद्देश्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटाने और बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का था। सुरक्षा बलों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई।