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Bastar Olympics 2025: बस्तर ओलंपिक का जिलास्तरीय शुभारंभ आज से, 43 हजार से अधिक प्रतिभागी दिखाएंगे हुनर

Bastar Olympics 2025: 'बस्तर ओलंपिक 2025’ का जिलास्तरीय शुभारंभ आज से हो रहा है। 43 हजार से अधिक प्रतिभागी इस खेल महोत्सव में हिस्सा लेंगे।

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Bastar Olympics 2025 (Photo source- Patrika)

Bastar Olympics 2025 (Photo source- Patrika)

Bastar Olympics 2025: ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ की तैयारियां सुकमा जिले में युद्धस्तर पर चल रही हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर 28 और 29 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस खेल महोत्सव को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को पंचायतवार दायित्व सौंपे हैं, ताकि प्रत्येक ग्राम में उत्साहपूर्ण माहौल तैयार किया जा सके।

Bastar Olympics 2025: परंपराओं से जुड़े स्थानीय खेलों को मिला मंच

कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा ‘‘बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि जनता और शासन के बीच विश्वास का सेतु है। इसका उद्देश्य है ग्रामीण प्रतिभाओं को पहचान देना, युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना और ‘स्पोर्ट्स फॉर पीस’ के माध्यम से शांति, विश्वास और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘बस्तर ओलंपिक’ का उल्लेख करते हुए कहा था।

‘‘बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं, बल्कि विकास और विश्वास की यात्रा है, जहां नई पीढ़ी अपने भविष्य को आकार दे रही है।’’ इस महोत्सव में पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के खेल शामिल किए गए हैं जिसमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, कराते, वेटलिटिंग, हॉकी जैसे आधुनिक खेलों के साथ-साथ बस्तर की परंपराओं से जुड़े स्थानीय खेलों को भी मंच प्रदान किया गया है। इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

तीन चरणों में प्रतियोगिता

प्रतियोगिताएं तीन स्तरों विकासखंड, जिला और संभाग पर आयोजित की जाएंगी। विजेताओं को नकद पुरस्कार, मेडल, ट्रॉफी और शील्ड से समानित किया जाएगा। सभी पुरस्कार डीबीटी के माध्यम से सीधे खिलाड़ियों के खातों में हस्तांतरित होंगे। संभागीय स्तर के विजेताओं को ‘‘बस्तर यूथ आइकॉन’’ के रूप में समानित किया जाएगा।

हर गांव, हर युवा और हर परिवार का उत्सव

बस्तर ओलंपिक बस्तर के हर गांव, हर युवा और हर परिवार का उत्सव है। यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभाओं को पहचान देने का माध्यम है, बल्कि बस्तर में शांति, सौहार्द और विकास की नई रोशनी लेकर आया है: देवेश कुमार ध्रुव कलेक्टर

समावेशिता की मिसाल

इस वर्ष जूनियर (14-17 वर्ष) और सीनियर वर्ग के साथ-साथ विशेष रूप से नक्सल हिंसा से दिव्यांग हुए व्यक्ति तथा आत्मसमर्पित नक्सली युवाओं को भी प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। यह खेल के माध्यम से पुनर्वास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।

यह संख्या बस्तर के युवाओं की खेल भावना और आत्मविश्वास का प्रतीक है। बस्तर ओलंपिक अब केवल खेल नहीं, बल्कि विकास और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक बन चुका है।

बस्तर की पहचान

वन भैंसा और पहाड़ी मैना: ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ के शुभंकर हैं- वन भैंसा और पहाड़ी मैना, जो बस्तर की जीवंतता, साहस और सामुदायिक एकता का प्रतीक हैं।

43,000 से अधिक प्रतिभागी

Bastar Olympics 2025: अब तक सुकमा जिले में 43,099 खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है, 19414 पुरुष, 23685 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। कोंटा विकासखंड से 11,185 प्रतिभागी, सुकमा विकासखंड से 13,906 प्रतिभागी और छिंदगढ़ विकासखंड से 18,008 प्रतिभागी शामिल हैं।