Medical College Nursing Officer Dr. Pratibha Singh Thakur
मेडिकल की नर्सिंग ऑफिसर डॉ. प्रतिभा सिंह ठाकुर ने नहीं छोड़ी ड्यूटी
Navratri Special Story : मुश्किल वक्त में ही किरदार की बुलंदी सामने आती है। मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग ऑफिसर डॉ. प्रतिभा सिंह ठाकुर भी ऐसी ही शख्सियत हैं। उन्होंने कोरोना काल में सारी तकलीफों का सामना करते हुए भी पीड़ितों की सेवा जारी रखी। एक समय ऐसा भी आया जब उनकी बेटी को भी कोरोना हो गया। वे खुद भी बीमार हुईं लेकिन अपने कर्तव्य से नहीं डिगीं। उन्होंने न तो ड्यूटी छोडी, न ही छुट्टी ली। वे बताती हैं कि कोरोना महामारी का काल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। मैंने पूरे जीवन में ऐसा दौर नहीं देखा, जब सेवा के साथ जीवन का असली संघर्ष बराबर चल रहे थे। एक तरफ पीड़ित मानवता की सेवा थी, तो दूसरी ओर महामारी से घिरे अपनों की चिंता। इस सबके बीच बहुत ही मुश्किल से सामंजस्य बैठा पाए।
डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कोरोना महामारी आने पर मेरी पोस्टिंग कोविड के मुख्य स्टोर इंचार्ज पर लगा दी गई। संयोग ऐसा कि जिस दिन अधिकारी का फोन आया कि आपको कोविड का मुख्य स्टोर प्रभारी बनाया जाता है उसी दिन मेरा घर आइसोलेशन में था। क्योंकि मेरे परिवार में कोविड पेशेंट की पहचान हुई थी। इसके बाद भी मैंने अपने कर्म को प्रमुखता दी और स्टोर प्रभारी का काम संभाल लिया। इस बीच कई बार बीमार हुई तो लगा अब बहुत कुछ खत्म होने वाला है लेकिन नर्सिंग के दौरान ली गई शपथ याद करते हुए हार नहीं मानी।
डॉ. सिंह ने बताया कि मेरी बेटी को कोविड ने जकड़ लिया। मैं दुविधा में पड़ गई। एक तरफ मुझे मेरी बड़ी बेटी (13) की देखभाल करना थी तो दूसरी तरफ सैंकड़ों मरीजों के लिए खड़े रहना था। सबसे दुखद पल वह है जब एक बेटी को घर के गेट के बाहर से खाना देना पड़ता था। वहीं मेरी 3 साल की बेटी अपनी दीदी से बात करने दरवाजे पर उसके लिए खड़ी रहती थी। ये दृश्य शायद जीवन में कभी भुल नहीं पाऊंगी।
कोरोना काल के पीक पर कई बार हिम्मत जवाब दे जाती थी। परंतु ईश्वरीय शक्ति ये एहसास दिला देती थी कि हार नहीं माननी है। स्वयं के साथ मैं दूसरे कर्मचारियों का भी हौंसला बढ़ाती रही, ताकि कोई टूटे नहीं। आखिरकार हमने कोरोना काल पर विजय पाई।
Updated on:
24 Sept 2025 02:39 pm
Published on:
24 Sept 2025 02:36 pm
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