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तेंदुए को करंट लगाकर निकाले दांत-नाखून, पोस्टमार्टम से हुआ मौत का बड़ा खुलासा

MP news: तेंदुए के पोस्टमार्टम में पता चला कि तेन्दुए के चारों पैर के पंजों के नाखून निकाल लिए गए हैं। वहीं आगे के नुकीले 4 कैनाइन दांत टूटे हुए हैं...

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MP news Leopard hunting

MP news Leopard hunting: मृत तेंदुआ। (फोटो: सोशल मीडिया)

MP News: सिहोरा वनपरिक्षेत्र के ग्राम घुघरा में मेसर्स निसर्ग इस्पात कंपनी परिसर में मृत तेंदुए का शव मिलने के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि तेंदुए को करंट लगाकर मारा गया था और उसके दांत और नाखून निकाल लिए गए। वन विभाग और वेटरनरी विवि जबलपुर की पशु चिकित्सकों की टीम ने वेटरनरी कॉलेज अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों ने तेंदुए के शरीर पर बिजली के झटके से झुलसने के स्पष्ट निशान पाए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि शव को झाड़ियों में छिपाने की कोशिश की गई थी। वन विभाग आरोपी की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास कर रहा है।

4 कैनाइन दांत टूटे

तेंदुए के पोस्टमार्टम में पता चला कि तेन्दुए के चारों पैर के पंजों के नाखून निकाल लिए गए हैं। वहीं आगे के नुकीले 4 कैनाइन दांत टूटे हुए हैं। पोस्टमार्टम के बाद डुमना के जंगल में तेंदुए का शव दाह किया गया। आरोपियों पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।

वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर उठे गंभीर सवाल

वन मंडल में वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। डुमना, पनागर, बरगी और सिहोरा के जंगलों में शिकारियों की गतिविधियों और दुर्घटनाओं के चलते जंगली जानवर लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं। वन विभाग के अनुसार, पिछले सालों में कई वन्य जीवों की मौतें हुई हैं। इनमें जंगली सूअर और चीतल प्रमुख हैं। जंगलों में शिकार रोकने के लिए फंदे लगाए जाने और करंट बिछाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं और अन्य मानवीय गतिविधियों ने भी वन्य जीवों को प्रभावित किया है।

सामने आए ये मामले

--फरवरी 2025 में जबलपुर-मंडला बार्डर पर एक तेंदुए का शव बरामद हुआ था। पोस्ट मार्टम के दौरान यह बात सामने आई थी कि तेंदुए की मौत की बिजली का करंट लगाकर की गई थी। तेंदुए की उम्र करीब 5 साल थी।

--कुंडम के ग्राम बिछुआ के पास फरवरी 2024 में शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में एक तेंदुआ फंस गया था। सुबह स्थानीय लोगो की नजर पड़ी तो वन अमले को सूचना दी गई। इससे तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे बचा लिया गया।

--एक साल पहले नवंबर में जबलपुर वेटरनरी कॉलेज अस्पताल में तेंदुए का शव लाया गया था। गौरतलब है कि सागर वन रेंज में यह तेंदुआ मृत मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि तेंदुए की मौत दम घुटने के कारण हुई है।

क्यों किया जाता है शिकार

एमपी में फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर कीर्तिबाला गुप्ता बताती हैं कि शिकार के ऐसे मामलों में अक्सर अंधविश्वास के मामले सामने आए हैं, तांत्रिक लोगों को धनवर्षा कराने, सफलता पाने जैसे लालच देते हैं और बेमौत मारे जाते हैं बेजुबान, जिनके नाखून, मूंछों के बाल और दांत का यूज करते हैं। ऐसा ही एक केस हमारी टीम ने पकड़ा था। जिसमें जांच के बाद आरोपी पकड़े गए थे, उनके पास से बाघ की खाल, नाखून और मूंछों के बाल भी बरामद किए गए थे। बाद में आरोपियों को सख्त सजा भी हुई थी।

वन्य जीवों की सुरक्षा में लापरवाही

पोस्टमार्टम में तेंदुए की मौत की वजह बिजली का करंट लगने के कारण सामने आई है। पीएम के बाद शव को डुमना के जंगल में जलाया गया है।

ऋषि मिश्रा, वनमंडल अधिकारी