
Budhan Sagar lake
Budhan Sagar lake : प्रदेश भर में सबसे बड़े तालाब होने का गौरव रखने वाला बुढ़ान सागर आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। एक तरफ जहां भूमाफिया इसे लील जाने को आतुर है तो कुछ इसके पानी को सुखाने पर आतुर हैं। नतीजतन इसकी समृद्ध जमीन को बंजर बनाने का खेल दशकों से चल रहा है जो अब गति पकडऩे लगा है। तालाब के चारों ओर अतिक्रमणों की बाढ़ आ गई है। दिन प्रतिदिन यह छोटा और बहुत छोटा होता चला जा रहा है। इसे बचाने के लिए अब कुछ लोगों ने कोर्ट का सहारा लिया है। जिसके बाद एक बार फिर से उम्मीद जागी है कि यह अपने पुराने वैभव को पा सकेगा।
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में शासन की ओर से जो जवाब और तालाब का नक्शा पेश किया गया है, उसमें बताया गया है कि तालाब 114 हेक्टेयर बचा है। पेश किया गया नक्शा वर्तमान का है। इस हिसाब से तालाब महज 282 एकड़ का ही बचा है। स्थानीय निवासियों की मानें तो बुढ़ान सागर तालाब 500 एकड़ का तालाब हुआ करता था। शासन प्रशासन की अनदेखी से तालाब की जमीन पर लगातार कब्जे हो रहे हैं और इसे धीरे-धीरे किनारों से सुखाने की साजिश की जा रही है।
साजिश 01- ग्रीन बेल्ट पर दनादन हो रही पुराई
करीब एक दशक पहले तक जबलपुर से सिहोरा जाते समय पुराने हाइवे पर बुढ़ागर पहुंचने पर रोड के एक तरफ खूबसूरत तालाब राहगीरों का मनमोह लेता था। लेकिन आज ये दिखाई दे जाए यही बहुत बड़ी बात है। तालाब किनारे लगी ग्रीन बेल्ट की जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है। तीन दर्जन से अधिक कच्चे पक्के निर्माण कर घर,धर्मकांटा, दुकानें, ढाबा व पेट्रोल पंप बना लिए गए हैं और कुछ की तैयारी चल रही है। निर्माण और कब्जों के लिए कई एकड़ तालाब की जमीन को पूर दिया गया है। हाइवे से लगी होने के कारण यह जमीन बेशकीमती है, जिस पर दबंगों व माफिया ने डाका डाल लिया है।
साजिश 02 - कचरा पूरकर बना रहे जगह
तालाब के किनारे बंजारी माता मंदिर की ओर से मझौली जाने वाले रास्ते के किनारे तालाब का पानी दिखाई देना बंद हो गया है। वहां चोई, घास हो गई है। ग्रामीणों सहित आसपास के लोग कचरा डालकर उसे समतल बनाने में लगे हैं। पिछले एक दशक में कई पक्के मकान भी बना लिए गए हैं।
साजिश 03- खत्म कर दिया कैचमेंट एरिया
तालाब के अगले किनारे पर ह्रदय नगर बसा हुआ है। जहां की ऊंची पहाडिय़ों से तालाब में बारिश के दौरान पानी आता था और साल भी तालाब में पानी की झिर खुली रहती थीं। वहां आज की वर्तमान स्थिति में जमकर माइनिंग हो रही है। पहाडिय़ां समतल हो चुकी हैं। जिसके चलते अब तालाब में पानी आना लगभग बंद हो चुका है।
साजिश 04 - वेद नगर में खेती और मकानों के लिए कर दी पुराई
बुढ़ान सागर के मुख्य कैचमैंट एरिया माने जाने वाले देव नगर की पहाड़ी भी माइनिंग की भेंट चढ़ चुकी है। यहां भी पहाड़ी लगभग खत्म हो चुकी है। कब्जेधारियों ने यहां पुराई कर मकान बना लिए हैं और कई का निर्माण चालू है। वहीं बहुत से लोगों ने तालाब के पानी की आवक को खत्म कर वहां गेहूं, धान की खेती शुरू कर दी है।
साजिश 05 - लगा दिया मोबाइल टावर
तालाब के एक अन्य किनारे पर धमकी गांव की आबादी रहती है। बरनू तिराहा वाले छोर पर भी कैचमेंट एरिया हुआ करता था, यहां पूरा पहाड़ खोद दिया गया है। यहां मोबाइल टावर आदि लगा दिए गए हैं।
बुढ़ान सागर तालाब को बचाने के लिए स्थानीय निवासी रज्जन बर्मन ने एक जनहित याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की है। जिसमें उन्होंने कोर्ट से तालाब को बचाने की गुहार लगाते हुए इसकी हकीकत से रूबरू कराया है। रज्जन बर्मन ने बताया कि तालाब के चारों ओर बड़ी संख्या में कब्जे हो रहे हैं। लोग पुराई करते चले जा रहे हैं। इससे तालाब का आकार न सिर्फ छोटा हो रहा है, बल्कि पानी भी खत्म हो रहा है।
Budhan Sagar lake : तालाब के चारों तरफ कब्जे हो रहे हैं। ग्रीन बेल्ट को खत्म कर यहां पक्के निर्माण कर लिए गए हैं। शाासन प्रशासन की जानकारी में होने के बाद भी तालाब के किनारे पुराई लगातार हो रही है। अतिक्रमणों को हटाने और तालाब को बचाने के लिए याचिका लगाई गई है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन से जवाब तलब किया था। जिसमें उन्होंने हाइवे छोर पर तालाब किनारे धर्मकांटा, दुकान, पेट्रोल पंप, ढाबा से लेकर अन्य कारोबार चलाने के लिए अतिक्रमण की बात स्वीकार की है।
Budhan Sagar lake : बुढ़ान सागर तालाब को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। पूर्व में कुछ जानकारी दी जा चुकी है। आगे की कार्रवाई के साथ ही अतिक्रमणों को लेकर कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
25 Oct 2025 11:14 am
Published on:
25 Oct 2025 11:13 am
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