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ओवरब्रिज बनाने IDA ने सर्वे पर खर्च कर दिए 90 लाख… सब गए बेकार, अब होगा नया सर्वे

Indore News: IDA ने 9 चौराहों पर बनाए जाने वाले ओवरब्रिज को लेकर सर्वे पर खर्च किए लाखों रुपए, लेकिन अब बीआरटीएस टूटने के बाद फिर से किया जाएगा सर्वे, पानी की तरह फिर बहाया जाएंगें लाखों रुपए...

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Indore News Over Bridge Survey - Copy

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Indore News: बीआरटीएस के साथ ही अन्य मुख्य चौराहों पर लगातार ट्रैफिक जाम से शहरवासी हलाकान है। प्रशासन ने कई चौराहों पर ओवर ब्रिज बनाने की प्लानिंग तो कर दी, लेकिन उस पर काम ही शुरू नहीं हो पाया। आइडीए ने करीब 90 लाख रुपए खर्च कर बीआरटीएस और एबी रोड के 9 चौराहों पर ओवर ब्रिज बनाने का फिजिबिलिटी सर्वे कराया था। सड़क सुरक्षा समिति ने अनुमोदन भी किया, लेकिन अब यह सर्वे किसी काम का नहीं है, क्योंकि बीआरटीएस कॉरिडोर टूटने के फैसले के कारण पुराने सर्वे को होल्ड कर दिया गया है। कॉरिडोर टूटने के बाद नया सर्वे होगा, जिसमें ओवर ब्रिज की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। ऐसे में फिर लाखों रुपए खर्च किए जाएंगे।

एलिवेटेड ब्रिज खत्म कर ओवर ब्रिज को योजना पर आया था प्रशासन

करोड़ों खर्च करने के बाद इंदौर पीडब्ल्यूडी ने करीब 300 करोड़ से एबी रोड पर नौलखा से एमआइजी चौराहे तक एलिवेटेड ब्रिज बनाने का ठेका दे दिया। इसका भूमिपूजन भी हो गया, लेकिन बाद में निरस्त करने का दावा किया गया। हालांकि, बताया जा रहा है कि यह ठेका पूरी तरह से निरस्त नहीं हुआ है। पीडब्ल्यूडी अफसरों को ठेकेदार को कुछ राशि का भुगतान भी करना पड़ा। इसके बाद आइडीए को अलग-अलग ओवर ब्रिज निर्माण का फिजिबिलिटी सर्वे का काम सौंपा गया था।

तत्कालीन कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी को तो वर्तमान ने आइडीओ को निर्माण का कहा

तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बीआरटीएस के तीन चौराहे एलआइजी, शिवाजिटा वाटिका व गीता भवन पर कुल 500 करोड़ की लागत से ओवर ब्रिज बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी को लिखा और प्लानिंग बनाने को कहा था, लेकिन वह अभी एलिवेटेड ब्रिज की योजना को पूरी तरह से निरस्त नहीं होने के कारण आगे नहीं बढ़े।

वर्तमान कलेक्टर शिवम वर्मा ने ट्रैफिक की परेशानी को देखते हुए बीआरटीएस पर तीन ब्रिज बनाने की प्लानिंग के लिए आइडीए को कहा, लेकिन अभी बात आगे नहीं बढ़ पाई। अब आइडीए ने ही प्लानिंग रोक दी। अफसरों का कहना है कि बीआरटीएस कॉरिडोर के हिसाब से सर्वे हुआ था। अब कॉरिडोर टूट रहा है, इसलिए सर्वे के आधार पर ब्रिज नहीं बना सकते। कॉरिडोर टूटने के बाद नया सर्वे होगा।

बैठक में रखी रिपोर्ट : ब्रिज बनाने की अनुशंसा और फैसला भी हो गया

आइडीए ने एबी रोड, बीआरटीएस की ट्रैफिक समस्या के हल के लिए फिजिबिलिटी सर्वे कराया। इसमें करीब 90 लाख रुपए खर्च हुए। अप्रेल में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सर्वे रिपोर्ट रखी गई। इस आधार पर एमआर-9, एमआइजी, इंडस्ट्री हाउस, गिटार चौराहा, पलासिया, गीता भवन, शिवाजी वाटिका, जीपीओ व नौलखा चौराहे पर ओवर ब्रिज की आवश्यकता बताई गई। पास-पास होने से इंडस्ट्री हाउस, गिटार व पलासिया चौराहे को कवर करने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा ओवर ब्रिज करीब 147 करोड़ की लागत से तैयार करने का फैसला हुआ था।

पुरानी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ब्रिज बनाना संभव नहीं, फिर सर्वे कराएंगे

पहले जो सर्वे हुआ था उस आधार पर ब्रिज नहीं बन सकता। जब बीआरटीएस कॉरिडोर था, उस दौरान के ट्रैफिक के आधार पर सर्वे हुआ है। अब उस आधार पर ब्रिज बनाना ठीक नहीं रहेगा। कॉरिडोर टूटने से ट्रैफिक की नई व्यवस्था बनेगी। इस कारण से फिर सर्वे कराना होगा और उसके बाद तय होगा कि किस चौराहे पर सबसे ज्यादा ओवर ब्रिज की आवश्यकता है। अभी ब्रिज बनाने की प्लानिंग पर काम नहीं हो सकता है।

डॉ. परीक्षित झाड़े, सीईओ आइडीए