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कोर्ट परिसर में भावुक कर देने वाला नजारा, एंबुलेंस से आई महिला के लिए बनी अस्थाई अदालत

Court precedent: इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि न्याय सिर्फ प्रक्रिया नहीं, बल्कि करुणा और संवेदनशीलता से भी जुड़ा होता है।

इंदौर

Manish Geete

Jul 24, 2025

court: photo ai generated
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Court precedent: न्यायिक सेवा में मानवीय संवेदनशीलता का एक दुर्लभ और प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला। तृतीय मोटर यान दावा अधिकरण (एमएसीटी) के न्यायाधीश विशाल शर्मा (judge vishal sharma) ने गंभीर रूप से घायल एक महिला के बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट परिसर में ही अस्थायी कोर्ट लगाकर नई मिसाल पेश की। यह नजारा इंदौर जिले के डॉ. अंबेडकर नगर (महू) का है।

मामला 31 अगस्त 2023 को हुए एक सडक़ हादसे से जुड़ा है, जिसमें अन्नपूर्णा नामक महिला और उनकी बेटी सौम्या फीनिक्स मॉल में खरीदारी के लिए जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थीं। हादसे में अन्नपूर्णा गंभीर रूप से घायल हुईं और अब पूरी तरह से दिव्यांग हो चुकी हैं। वे न तो खड़ी हो सकती हैं और न ही सीढिय़ां चढऩे में सक्षम हैं।

मंगलवार को इस केस में अन्नपूर्णा का बयान दर्ज होना था, लेकिन उनकी हालत को देखते हुए कोर्ट रूम तक लाना संभव नहीं था। इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए न्यायाधीश विशाल शर्मा ने त्वरित निर्णय लेते हुए कोर्ट परिसर में लगे टीन शेड के नीचे एक अस्थायी अदालत की व्यवस्था करवाई। महिला को एम्बुलेंस से लाया गया, और वहीं लेटे-लेटे उन्होंने अपने बयान दर्ज कराए।

परिसर में हर व्यक्ति हुआ भावुक

इस मानवीय पहल ने कोर्ट परिसर में उपस्थित हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। न्यायिक समुदाय, वकीलों और आम नागरिकों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह न्यायपालिका की संवेदनशीलता, दायित्वबोध और सेवा भावना का एक अनुकरणीय उदाहरण है।