
MP News: लोग जीवित रहते हुए दूसरों की मदद करते हैं, लेकिन बिरले होते हैं, जो मौत के बाद भी लोगों की मदद कर पाते हैं। उज्जैन के चिमनगंज मंडी निवासी प्रवीण राठौर की पत्नी हाईकोर्ट एडवोकेट अभिजीता राठौर (37) ने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। परिजन ने अंगदान का निर्णय लिया।
अंगदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद रविवार सुबह 65वां ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी व लिवर अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों को प्रत्यारोपण के लिए पहुंचाए गए। जब एंबुलेंस को रवाना किया, तब भाई अभिजीत राठौर ने धक्का देकर एंबुलेंस को रवाना किया व बहन को नमन किया। उन्होंने कहा कि- शाबाश बेटा शाबाश, शेर की तरह लड़ी तू…। जब अस्पताल प्रबंधन ने परिजन को शव सौंपा तो पति प्रवीण राठौर ने मंगलसूत्र पहनाया। यह देख सभी की आंखें नम हो गईं।
मुस्कान ग्रुप के जीतू बगानी व संदीपन आर्य ने बताया अभिजीता के परिजन ने आंखें, फेफड़े, दिल, किडनी, लिवर, त्वचा, पैंक्रियाज व छोटी आंत दान की अनुमति दी थी। इनमें से लिवर, किडनी, आंख व त्वचा दान पूरा हुआ।
अभिजीता को निमोनिया व लंग्स में इंफेक्शन के कारण 25 अक्टूबर को जूपिटर विशेष अस्पताल में भर्ती किया था। लंग्स इंफेक्शन ठीक होने के बाद सीवियर ब्रेन हेमरेज हो गया, फिर हालत नहीं सुधरी।
अभिजीता जगदाले स्कूल में पढ़ीं। इसके बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया व इंजीनियरिंग भी की। शादी बाद एलएलबी, एलएलएम तक पढ़ाई की। पति प्रवीण राठौर कॉन्ट्रेक्टर हैं। पिता रतन राठौर उपसंचालक लोक अभियोजन रहे व मां गिरिबाला राठौर जगदाले स्कूल में प्राचार्य रही हैं।
अभिजीता की बेटी पर्णिका (13) व बेटा अभिरत्न (5) पूरे समय उनके साथ रहे। अंगदान के दौरान भाई अभिजीत भावुक हो गए। उन्होंने एंबुलेंस को अपने हाथों से धकेल कर बहन को विदाई दी। अस्पताल प्रबंधन ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर विदाई दी। मप्र शासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया व विजय नगर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया।
अभिजीता के फेफड़ों को मुंबई स्थित एक अस्पताल को भेजा जाना था लेकिन कनेक्टिंग फ्लाइट नहीं होने से डोनेट नहीं हो पाए। मप्र शासन के एप्रोप्रिएट अथॉरिटी संभागायुक्त सुदाम खाड़े व एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने अंगदान प्रक्रिया पूरी कराई।
इसके बाद रविवार सुबह सीएचएल व चोइथराम अस्पताल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। पहला ग्रीन कॉरिडोर जूपिटर विशेष हॉस्पिटल से सीएचएल हॉस्पिटल तक सुबह 11.21 बजे बनाया। नौ मिनट में एंबुलेंस पहुंची। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर चोइथराम हॉस्पिटल के लिए 11.36 बजे बना। 8 मिनट में 11.44 बजे एंबुलेंस अस्पताल पहुंची।
-लिवर सीएचएल हॉस्पिटल में 50 वर्षीय पुरुष को प्रत्यारोपित किया गया।
-पहली किडनी जूपिटर हॉस्पिटल में 35 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गई।
-दूसरी किडनी चोइथराम हॉस्पिटल में 27 वर्षीय पुरुष को प्रत्यारोपित की गई।
-कॉर्निया शंकर आई बैंक व त्वचा चोइथराम स्किन बैंक भेजी गई।
Updated on:
03 Nov 2025 11:42 am
Published on:
03 Nov 2025 11:38 am
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