फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: एमपी के इंदौर शहर में एक मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए बड़ा निर्णय लिया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। 72 वर्षीय गंगा वर्मा ने अपने 46 वर्षीय बेटे कमलेश को किडनी देकर उसका जीवन बचाया। मां और बेटा दोनों स्वस्थ हैं और अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटे हैं।
युवक पिछले दो साल से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ही डायलिसिस के लिए पहुंच रहा था। आयुष्मान योजना के तहत यह ट्रांसप्लांट डॉक्टर्स ने किया। पहले युवक को हर सप्ताह डायलिसिस की आवश्यकता होती थी। ट्रांसप्लांट के बाद पिछले 15 दिन से डायलिसिस की जरूरत नहीं हुई।
कमलेश इंदौर के सदर बाजार में रहते हैं। 2022 में अचानक बीमार पड़ गए थे। उन्हें हाथ-पैर में दर्द और पेशाब करने में तकलीफ होने लगी। जांच के लिए जब निजी अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उनकी दोनों किडनियां काफी हद तक खराब हो चुकी हैं। इसके बाद उनका इलाज सरकारी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शुरू किया गया।
डॉक्टरों की सलाह पर कमलेश ने दो साल तक नियमित डायलिसिस कराया। परिवार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। जांचों में यह सामने आया कि कमलेश की दोनों किडनियां पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। डॉक्टरों के अनुसार, यह समस्या जन्म से ही किडनी के डेवलपमेंट में डिफेक्ट के कारण हो सकती है, जो उम्र के साथ बढ़ती गई।
परिवार ने किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी के लिए डॉक्टर्स की सलाह पर स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) में पंजीकरण कराया गया। जांच में डोनर का ब्लड ग्रुप मिलान हुआ। जिसके बाद मां ने भी कहां कि अगर बेटे की जान बच सकती है तो मैं जरूर किडनी दूंगी।
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में यह तीसरा किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। जिसमें मां ने बेटे को किडनी डोनेट की है। दोनों स्वस्थ है व डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। मरीज का डायलिसिस भी अब नहीं करना पड़ रहा है। फिलहार चार-चार दिन के अंतराल से फालोअप लिया जा रहा है। दीपावली के बाद एक ओर किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी है।- डॉ. रीतेश कुमार, नेफ्रोलॉजिस्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल इंदौर
Published on:
15 Oct 2025 01:40 pm
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