Tabasheer Benefits : क्या कभी आपने सोचा है कि प्रकृति ने हमारे लिए कितने अनमोल खजाने छिपा रखे हैं। इन्हीं में से एक है वंशलोचन, जिसे कई जगह तबाशीर भी कहा जाता है। ये कोई आम चीज़ नहीं, बल्कि बांस के पेड़ के भीतर से निकलने वाला एक दुर्लभ और चमत्कारी पदार्थ है। सफेद रंग का ये पाउडर या छोटे टुकड़ों वाला अंश सदियों से हमारी पारंपरिक चिकित्सा का अहम हिस्सा रहा है। आइए, जानें इस 'बैंबू मैनना' के ऐसे ही कुछ कमाल के फायदों के बारे में जो आपको स्वस्थ और तरोताजा रख सकते हैं।
वंशलोचन हमें 'बैम्बुसा अरुंडिनेशिया' नामक बांस की प्रजाति से मिलता है। यह मुख्य रूप से भारत, फिलीपींस और चीन जैसे एशियाई देशों में पाया जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसमें मौजूद सिलिका की भरपूर मात्रा जो इसे कई औषधीय गुणों से लैस करती है। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ, जैसे चरक संहिता और भैषज्य रत्नावली, वंशलोचन को कई महत्वपूर्ण योगों, जैसे सितोपलादि चूर्ण और तालिसादि चूर्ण में शामिल करते हैं। यह बताता है कि हमारे पूर्वज भी इसके गुणों से अच्छी तरह परिचित थे।
अक्सर मौसम बदलने पर या ठंडी चीजों के सेवन से खांसी-ज़ुकाम हो जाता है। वंशलोचन की तासीर ठंडी होने के कारण यह शरीर की गर्मी और पित्त को शांत करता है जिससे खांसी और ज़ुकाम में राहत मिलती है। यह कफ को भी बाहर निकालने में सहायक है।
क्या आपके हाथ-पैर में जलन होती है या अक्सर मुंह में छाले निकल आते हैं? इसकी एक बड़ी वजह पेट की गर्मी हो सकती है। वंशलोचन की ठंडी तासीर पेट की बढ़ी हुई गर्मी को शांत करती है। अगर मुंह में छाले हों तो इसे शहद के साथ मिलाकर लगाने से बहुत फायदा होता है। शहद के एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को कम करते हैं और वंशलोचन ठंडक पहुंचाता है जिससे छाले जल्दी ठीक होते हैं।
वंशलोचन में मौजूद उच्च मात्रा में सिलिका हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए बेहद फायदेमंद है। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी मदद करता है।
क्या आप जानते हैं कि सिलिका बालों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। वंशलोचन का सेवन बालों को जड़ों से मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है जिससे उनके टूटने की समस्या कम होती है।
भैषज्य रत्नावली के अनुसार, वंशलोचन वात और कफ को शांत करता है और पित्त को संतुलित रखता है। यह शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलन में रखने में मदद करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
बांस का उपयोग सिर्फ वंशलोचन के लिए ही नहीं होता बल्कि इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। बांस के कोंपल (बांस के छोटे अंकुर) कई एशियाई व्यंजनों का हिस्सा होते हैं और ये फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इन्हें पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि वंशलोचन एक प्राकृतिक औषधि है फिर भी इसके सेवन से पहले किसी भी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना बहुत जरूरी है। खासकर गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को बिना डॉक्टरी सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
तो देखा आपने, प्रकृति ने हमें कितने अनमोल तोहफे दिए हैं। वंशलोचन उन्हीं में से एक है जो हमें स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद कर सकता है। अगली बार जब आप किसी आयुर्वेदिक दुकान पर जाएं तो इस चमत्कारी पदार्थ के बारे में पूछना न भूलें।
Updated on:
03 Aug 2025 03:00 pm
Published on:
03 Aug 2025 02:46 pm