How to Make Bhringraj Oil at Home : क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो काले, घने और चमकदार बालों का सपना देखते हैं? अगर हाँ, तो आयुर्वेद का एक अनमोल तोहफा, भृंगराज आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं! इसे सिर्फ 'केशराज' नहीं, बल्कि बुद्धि को तेज करने वाला भी माना जाता है। हमारी दादी-नानियां सदियों से इसके गुणों को जानती थीं और शायद यही वजह है कि वे हमें बचपन से भृंगराज का तेल (Bhringraj Oil) लगाने की सलाह देती थीं।
जिस जड़ी-बूटी की हम बात कर रहे है, उसका वैज्ञानिक नाम 'एक्लिप्टा अल्बा' है। इसे आम बोलचाल में फाल्स डेजी, घमरा या भांगड़ा भी कहते हैं। भारत के अलावा चीन, थाईलैंड और ब्राजील जैसे देशों में भी यह आमतौर पर दलदली जगहों पर खूब उगता है। आपने शायद इसे अपने घर के आस-पास या खेतों में भी देखा होगा। यह इतनी आसानी से मिल जाता है कि कई बार हम इसकी अहमियत को समझ ही नहीं पाते। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा सलाह देते हैं कि इसकी सही पहचान और इस्तेमाल का तरीका जानने के बाद ही इसे खुद से उपयोग करें। अगर आपको इसकी पहचान नहीं है तो आयुर्वेदिक स्टोर पर इसका पाउडर या तेल आसानी से मिल जाता है।
भृंगराज (Bhringraj Oil) को बालों का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। यह सिर्फ बालों को काला और घना नहीं बनाता बल्कि उन्हें एक नई चमक भी देता है। बालों का समय से पहले सफेद होना आज एक बड़ी समस्या है जिससे युवा पीढ़ी भी जूझ रही है। आयुर्वेद में इसका कारण पित्त दोष का असंतुलन बताया गया है। चरक संहिता जैसी हमारी प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भृंगराज को पित्तशामक और रक्तशोधक कहा गया है। यानी यह पित्त को संतुलित करने और खून को साफ करने में मदद करता है जिससे सफेद बालों की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। सुश्रुत संहिता तो इसे बालों की जड़ों को मजबूत करने और समय से पहले सफेदी रोकने वाली अग्रणी औषधि मानती है।
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भृंगराज (Bhringraj Oil) के फायदे सिर्फ बालों तक ही सीमित नहीं हैं। यह लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी सहायक है। साफ खून और स्वस्थ लिवर सीधे तौर पर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और चमकती त्वचा से जुड़े हैं। यह तो हुई बात किताबों की लेकिन गांवों में आज भी बुजुर्ग इसके पत्तों का लेप बनाकर बालों पर लगाते हैं जो इसके सदियों पुराने प्रयोग का प्रमाण है।
यह अच्छी खबर है कि आप भृंगराज का तेल (Bhringraj Oil) घर पर भी आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको चाहिए:
- भृंगराज के पत्ते
- मीठा नीम
- बारीक कटे हुए प्याज
- मेथी दाना
- नीम के पत्ते
- सरसों का तेल (या नारियल/तिल का तेल)
विधि: इन सभी सामग्रियों को सरसों के तेल में धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक उनका अर्क तेल में अच्छी तरह से न मिल जाए। जब मिश्रण ठंडा हो जाए, तो इसे छानकर एक बोतल में भरकर रख लें।
जरूरी बात: भृंगराज और अन्य सामग्री की तासीर गर्म होती है, जिससे कुछ लोगों को थोड़ी असहजता हो सकती है। इस गर्मी को संतुलित करने के लिए आप इसमें थोड़ा सा कपूर मिला सकते हैं। अगर आपकी स्कैल्प संवेदनशील है तो सरसों के तेल की जगह नारियल या तिल का तेल इस्तेमाल करें जिनकी तासीर ठंडी होती है।
याद रखें: कोई भी नया आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने से पहले खासकर यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है।
with ians input
Published on:
20 Jul 2025 09:59 am