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Satyapal Malik Kidneys Fail : सत्यपाल मलिक की दोनों किडनियों में संक्रमण, क्यों होती है ये गंभीर बीमारी

Satyapal Malik Kidneys Fail : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती। 11 मई से डायलिसिस पर, संक्रमण के चलते हालत गंभीर। उन्होंने 'X' पर पोस्ट कर बात न कर पाने की जानकारी दी।

3 min read

भारत

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Manoj Vashisth

May 23, 2025

Satyapal Malik Kidneys Fail

सत्यपाल मलिक की दोनों किडनी फेल, जानिए क्यों होती है किडनी फेल और क्या है उपचार(फोटो सोर्स: Satyapal Malik X)

Satyapal Malik Kidneys Fail : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत खराब हो गई है और वो दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने 11 मई को खुद 'X' पर पोस्ट करके ये जानकारी दी. उन्होंने अपनी एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें वो अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए दिख रहे हैं.

सत्यपाल मलिक ने 'X' पर पोस्ट करके बताया कि उन्हें अपने कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, पर वो उठा नहीं पा रहे क्योंकि उनकी हालत बहुत खराब है. उन्होंने लिखा कि वो किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं. 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उन्हें संक्रमण की शिकायत के चलते लाया गया था. अब उनकी हालत काफी गंभीर है और पिछले तीन दिनों से उनकी किडनी का डायलिसिस किया जा रहा है.

क्यों होती है किडनी फेल? जानिए कारण, लक्षण और इलाज (Why Does Kidney Failure Happen)

हमारे शरीर में किडनी (गुर्दे) बहुत अहम भूमिका निभाती हैं। ये खून से गंदगी और फालतू पानी को छानकर पेशाब के रास्ते बाहर निकालती हैं। जब ये काम करना बंद कर दें, तो इसे किडनी फेल होना कहते हैं। ये एक गंभीर समस्या है जो जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए इसके कारणों, लक्षणों और इलाज को समझना बहुत ज़रूरी है।

किडनी फेल होने के कारण: (Causes of kidney failure)

किडनी फेल होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारण हैं:

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप): अगर ब्लड प्रेशर लंबे समय तक बढ़ा रहता है, तो ये किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे धीरे-धीरे किडनी कमजोर हो जाती हैं।

शुगर (मधुमेह): डायबिटीज के मरीजों में किडनी फेल होने का खतरा ज़्यादा होता है। खून में शुगर का स्तर बढ़ने से किडनी के फिल्टर खराब होने लगते हैं।

गुर्दे की पथरी या पेशाब में रुकावट: अगर पेशाब के रास्ते में कोई रुकावट आ जाए, जैसे पथरी या प्रोस्टेट का बढ़ना, तो पेशाब बाहर नहीं निकल पाता और किडनी पर दबाव पड़ता है, जिससे वे खराब हो सकती हैं।

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कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, खासकर लंबे समय तक दर्द निवारक दवाएं या कुछ एंटीबायोटिक्स, किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

संक्रमण (इंफेक्शन): गंभीर संक्रमण या ऑटोइम्यून बीमारियां भी किडनी को प्रभावित कर सकती हैं।

पानी की कमी (डिहाइड्रेशन): शरीर में पानी की कमी होने से भी किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।

अनुवांशिक कारण: कुछ लोगों को अनुवांशिक तौर पर किडनी की बीमारी होने का खतरा होता है।

किडनी खराब होने से पहले शरीर देता है ये संकेत

किडनी फेल होने के लक्षण: (Symptoms of kidney failure)

शुरुआत में किडनी फेल होने के लक्षण साफ दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, ये लक्षण उभरने लगते हैं:

पेशाब में बदलाव: पेशाब कम आना या बहुत ज़्यादा आना, रात में बार-बार पेशाब जाना, पेशाब में झाग या खून आना।

थकान और कमजोरी: शरीर में जमा गंदगी के कारण लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।

सूजन: पैरों, टखनों, हाथों या चेहरे पर सूजन आना, खासकर सुबह के समय आंखों के नीचे सूजन।

भूख न लगना और वजन कम होना: शरीर में विषाक्त पदार्थों के बढ़ने से भूख कम लगती है और वजन भी घटने लगता है।

खुजली या त्वचा में बदलाव: त्वचा का सूखापन और खुजली होना।

सांस लेने में दिक्कत: शरीर में तरल पदार्थ जमा होने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

मतली और उल्टी: किडनी की समस्या बढ़ने पर पेट खराब और उल्टी महसूस हो सकती है।

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इलाज: (Treatment of kidney failure)

किडनी फेल होने का इलाज उसके कारण और कितनी गंभीर है, इस पर निर्भर करता है। शुरुआती स्टेज में दवाइयों, खान-पान में बदलाव और जीवनशैली में सुधार से बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन गंभीर स्थिति में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ सकती है।

दवाएं: ब्लड प्रेशर, शुगर और एनीमिया को नियंत्रित करने वाली दवाएं।

आहार में बदलाव: कम नमक, कम प्रोटीन और पोटेशियम वाला आहार लेना।

डायलिसिस: इसमें मशीन की मदद से खून को साफ किया जाता है। ये दो तरह का होता है – हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस।

किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण): इसमें एक स्वस्थ किडनी को शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है।

अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए नियमित जांच, संतुलित आहार, पर्याप्त पानी पीना और धूम्रपान व शराब से दूर रहना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय पर इलाज से किडनी को और नुकसान होने से बचाया जा सकता है।