Dementia Symptoms (photo- gemini ai)
Dementia Symptoms : डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाओं को कमजोर कर देती है। इससे याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार पर असर पड़ता है। दुनिया भर में करीब 5.5 करोड़ लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं और हर साल करीब 1 करोड़ नए मामले सामने आते हैं। अगर यही रफ्तार रही तो 2050 तक ये आंकड़ा तीन गुना हो सकता है।
जब हम डिमेंशिया के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में याददाश्त खोने, उलझन या स्वभाव बदलने जैसी बातें आती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण दिमाग में नहीं, बल्कि पैरों में दिख सकते हैं? बेंगलुरु के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. अरुण एल. नाइक के अनुसार, हमारे चलने के तरीके, चाल की गति और पैरों की ताकत में आने वाले छोटे बदलाव भविष्य में दिमागी बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं। यानी अगर आप धीरे चलने लगे हैं या पैरों में कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तो यह सिर्फ थकान नहीं, बल्कि डिमेंशिया की शुरुआती चेतावनी हो सकती है।
डॉ. नाइक बताते हैं कि जब हमारी चाल धीमी हो जाती है या पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं, तो इसका मतलब है कि दिमाग और शरीर के बीच का तालमेल कमजोर हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि चलना कोई साधारण काम नहीं है — इसमें दिमाग के कई हिस्से मिलकर काम करते हैं, जैसे संतुलन, योजना बनाना और सिग्नल भेजना। जब हम कम चलने लगते हैं या ज्यादा बैठे रहते हैं, तो दिमाग तक खून और ऑक्सीजन की सप्लाई घटने लगती है, जिससे याददाश्त और सोचने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। एक शोध के मुताबिक, जिन बुजुर्गों की चाल धीमी होती है, उनका ब्रेन वॉल्यूम यानी दिमाग का आकार भी छोटा हो सकता है, और उनमें डिमेंशिया का खतरा ज्यादा होता है।
अगर आप या आपके किसी परिवार के सदस्य में ये लक्षण दिखें, तो सावधान रहें। चलने की गति में अचानक कमी, पैरों में कमजोरी या सीढ़ियां चढ़ने में मुश्किल, चलते समय डगमगाना या संतुलन खोना, चलते वक्त बात करने या सोचने में दिक्कत होना। ये लक्षण डिमेंशिया की गारंटी नहीं हैं, लेकिन शुरुआती संकेत जरूर हो सकते हैं।
हर दिन थोड़ा चलें, रोज 30 मिनट पैदल चलना या सीढ़ियां चढ़ना दिमाग के लिए फायदेमंद है। पैरों की एक्सरसाइज करें। स्क्वैट्स, लेग प्रेस या रेजिस्टेंस बैंड से पैरों की मांसपेशियां मजबूत करें। सक्रिय रहें। दिनभर बैठे रहने की बजाय हल्की गतिविधि करते रहें। अगर बिना वजह चलने या संतुलन में बदलाव दिखे, तो तुरंत विशेषज्ञ से जांच करवाएं। याद रखें। मजबूत पैर, मजबूत दिमाग की निशानी हैं। पैरों की चाल में जो बदले, उसे नजरअंदाज न करें। जल्दी पहचान ही डिमेंशिया से बचाव की पहली सीढ़ी है।
Published on:
22 Oct 2025 11:51 am
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