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Antibiotic Resistance: एक गलती और एंटीबायोटिक बेअसर! कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 भूल?

Rules of Antibiotic Use : भारत में एंटीबायोटिक के गलत इस्तेमाल से सुपरबग बढ़ रहे हैं। जानें वो 5 गलतियां जो एंटीबायोटिक को बेअसर बना देती हैं।

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भारत

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Manoj Vashisth

Oct 22, 2025

Antibiotic Resistance in India

Antibiotic Resistance in India : भारत में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस: कैसे खुद दवा लेना सुपरबग पैदा कर रहा है

Antibiotic Resistance in India : एक बार जरूर सोचिए, जब भी हमें थोड़ा-सा सर्दी-ज़ुकाम होता है, तो अक्सर हम सीधे मेडिकल की दुकान से एंटीबायोटिक खरीदकर खा लेते हैं। या फिर डॉक्टर ने जो पिछली बार दी थी, वही बची हुई गोली खा लेते हैं। अगर आप भी हमेशा ऐसा करते हैं, तो रुक जाइए आप एक ऐसी भयानक गलती कर रहे हैं, जिसका खामियाजा सिर्फ आपको नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।

एंटीबायोटिक्स एक जादू की गोली की तरह हैं, जिसने लाखों जानें बचाई हैं, लेकिन इनका गलत इस्तेमाल आज इन्हें ही बेअसर बना रहा है। इस खतरे को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance) कहते हैं, जिसके कारण आने वाले समय में छोटे-से-छोटे संक्रमण का इलाज भी नामुमकिन हो सकता है।

तो आखिर, इस जानलेवा गलती से बचने के लिए हमें कब और कैसे एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करना चाहिए? | 5 Golden Rules of Antibiotic Use

  • पूरी तरह से डॉक्टर के पर्चे के अनुसार, क्योंकि यह केवल डॉक्टर की सलाह पर ही संभव है।
  • केवल जीवाणु संक्रमण जैसे यूटीआई, जीवाणु निमोनिया, रक्तप्रवाह संक्रमण, स्ट्रेप थ्रोट आदि के लिए।
  • कुछ जीवाणु संक्रमणों में एंटीबायोटिक्स की जरूरत भी नहीं होती।
  • एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करना जरूरी है। बीच में ही बंद करने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी।
  • जीवाणु संक्रमण से बचने के लिए हाथों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।

कब इस्तेमाल न करें

सामान्य सर्दी, गले में खराश, ऊपरी श्वसन संक्रमण और फ्लू जैसे वायरल संक्रमणों के लिए कभी भी एंटीबायोटिक न लें। यह काम नहीं करेगा।

कभी भी खुद एंटीबायोटिक्स न लिखें या किसी और को दी गई दवा न लें। हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

हर नए संक्रमण की दवा लेने से पहले डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

स्रोत: सीडीसी

भारत में बढ़ता सुपरबग का खतरा

भारत एंटीबायोटिक्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता (Consumer) है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की दर दुनिया में सबसे तेज है।

खतरे की घंटी: एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत में 3 लाख से ज्यादा मौतें सीधे तौर पर एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट संक्रमणों के कारण हुईं। अगर हमने इसे नहीं रोका, तो आने वाले दशकों में यह कैंसर से भी ज्यादा लोगों की जान ले सकता है।

अस्पताल भी असुरक्षित: ज्यादा एंटीबायोटिक के कारण अस्पताल भी सुपरबग्स का गढ़ बनते जा रहे हैं, जहां मरीजों का इलाज करना और भी मुश्किल हो जाता है।

फायदे कम, नुकसान ज्यादा: जब आप गलत तरीके से एंटीबायोटिक लेते हैं, तो यह सिर्फ बेअसर ही नहीं होती, बल्कि पेट दर्द, दस्त, उल्टी, और एलर्जी जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स भी दे सकती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।