Cancer Vaccine (Photo- gemini ai)
Cancer Vaccine : कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) ने एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। अब वैज्ञानिक एक नई तकनीक पर काम कर रहे हैं। GRP-आधारित टीके (GRP-based vaccines)। ये टीके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित करते हैं ताकि वह कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उन्हें नष्ट कर सके। इस दृष्टिकोण से विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज की नई उम्मीदें पैदा हुई हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक GRPs यानी Glucose-Regulated Proteins, Heat Shock Protein (HSP) परिवार का हिस्सा हैं। कैंसर की कोशिकाओं में, जो तनाव, कम ऑक्सीजन और पोषण की कमी से जूझ रही होती हैं, GRPs की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। इनका एक दोहरा रोल होता है।
कैंसर की सुरक्षा: GRP78 जैसी प्रोटीन कैंसर कोशिकाओं को जीवित रहने और पारंपरिक उपचारों के प्रति प्रतिरोधी बनने में मदद करती हैं।
इम्यून बूस्टर: जब GRPs (जैसे GRP94/gp96 और GRP170) कोशिका की सतह पर दिखाई देते हैं या स्रावित होते हैं, तो ये प्रतिरक्षा प्रणाली को अलर्ट करते हैं। ये ट्यूमर एंटीजन को एंटीजन-प्रेजेंटिंग कोशिकाओं तक ले जाकर T-कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट होती हैं।
शोध से पता चला है कि GRP-आधारित टीके उन ट्यूमर के खिलाफ ज्यादा प्रभावी हैं, जहां GRPs की अभिव्यक्ति अधिक होती है। प्रमुख कैंसर मॉडल हैं:
मेलानोमा (Melanoma): GRP94/gp96 आधारित टीके इस आक्रामक त्वचा कैंसर में ट्यूमर वृद्धि को रोकने और मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स पैदा करने में मददगार साबित हुए।
स्तन कैंसर (Breast Cancer): GRP78 की अधिकता इसे वैक्सीन का महत्वपूर्ण टारगेट बनाती है।
लिवर कैंसर (Hepatocellular Carcinoma): GRP78 और अन्य प्रोटीन लिवर कैंसर के लिए भी संभावित टारगेट हैं।
अन्य कैंसर: GRP170 आधारित टीकों ने प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कार्सिनोमा में भी एंटी-ट्यूमर प्रभाव दिखाया है।
GRP वैक्सीन की क्षमता के बावजूद, क्लिनिकल इस्तेमाल में कुछ चुनौतियां हैं। ट्यूमर की विषमता, इम्यून दबाव वाला वातावरण और वैक्सीन डिलीवरी को बेहतर बनाना मुख्य बाधाएं हैं। भविष्य में GRP-टीकों को इम्यून चेकपॉइंट इनहिबिटर (Immune Checkpoint Inhibitors) जैसे मौजूदा थेरेपी के साथ मिलाकर प्रतिरोध तोड़ने की कोशिश की जाएगी। शोध से उम्मीद है कि GRP-आधारित वैक्सीन कैंसर से लड़ने के लिए एक प्रभावी, बहुमुखी और कम विषैला तरीका साबित होंगे। ये टीके आने वाले समय में इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं।
Published on:
09 Oct 2025 04:45 pm
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