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किसानों ने बंद किए मंडी के दरवाजे, जताया रोष

हनुमानगढ़. जंक्शन की धान मंडी में गुरुवार को किसानों ने घान की खरीद प्रक्रिया में हो रही गड़बडिय़ों के विरोध में प्रदर्शन किया। आक्रोशित किसानों ने धान मंडी के सभी दरवाजे बंद कर दिए और प्रवेश मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगाकर पूरी तरह नाकेबंदी कर दी।

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किसानों ने बंद किए मंडी के दरवाजे, जताया रोष

किसानों ने बंद किए मंडी के दरवाजे, जताया रोष

हनुमानगढ़. जंक्शन की धान मंडी में गुरुवार को किसानों ने घान की खरीद प्रक्रिया में हो रही गड़बडिय़ों के विरोध में प्रदर्शन किया। आक्रोशित किसानों ने धान मंडी के सभी दरवाजे बंद कर दिए और प्रवेश मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगाकर पूरी तरह नाकेबंदी कर दी। किसानों का आरोप था कि मंडी में कुछ ही सेलरों की मनमानी चल रही है। जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। स्थिति को देखते हुए मंडी समिति, कृषि विभाग और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसान प्रतिनिधियों से वार्ता की। किसानों और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में एसडीएम, कृषि अधिकारी व मंडी समिति सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वार्ता के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें तय हुआ कि अब से धान की बोली सुबह साढ़े दस बजे शुरू होकर दोपहर दो बजे तक चलेगी। अंतिम ट्रॉली तक बोली प्रक्रिया जारी रहेगी। बोली प्रक्रिया में अब मिनिमम एक रुपए की बोली नहीं चलेगी। इसके स्थान पर कम से कम पांच रुपए बढ़ाकर बोली लगाने पर सहमति बनी। किसी भी किसान के साथ अन्याय न हो इसके लिए मंडी समिति की ओर से टोकन व्यवस्था लागू की गई है। किसान को मंडी समिति से टोकन प्राप्त करने के बाद ही धान बेचना होगा और खरीद प्रक्रिया मंडी परिसर से ही संपन्न होगी। सीधी खरीद पर पूर्णत: रोक लगाई गई है। किसान प्रतिनिधियों ने प्रशासन के समक्ष यह भी मांग रखी कि मंडी में सेलरों की संख्या सीमित होने के कारण प्रतिस्पर्धा खत्म हो गई है। जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा। वर्तमान में केवल चार सेलर ही सक्रिय हैं, जो अपनी मनमर्जी से बोली को नियंत्रित कर रहे हैं। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि प्रशासन और मंडी समिति की निगाह अब हर बोली प्रक्रिया पर रहेगी। उन्होंने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया पूरी तरह कानून सम्मत होगी। किसी भी किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। किसानों को उनका पूरा हक दिलाने के लिए प्रशासन तत्पर है। पूर्व नगर पालिका सभापति सुमित रणवा, पदम जैन, किसान नेता अवतार सिंह, रघुवीर वर्मा, लखबीर सिंह, बलदेव सिंह, वेद मक्कासर, रेशम मानुका, रायसाहब मल्लडख़ेड़ा आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे। कृषि विपणन विभाग के उप निदेशक डीएल कालवा ने बताया कि किसानों की मांग पर सहमति बन गई है।