किन्नू प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में (फोटो- पत्रिका)
Hanumangarh News: हनुमानगढ़ जिले में किन्नू की फसल को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार किया गया ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर किन्नू’ का प्रोजेक्ट सरकारी बजट स्वीकृति के अभाव में अटक गया है। पंच गौरव अभियान के तहत जिले की प्रमुख फसल किन्नू को शामिल करते हुए करीब साढ़े नौ करोड़ रुपए का प्रस्ताव कृषि विभाग ने सरकार को भेजा था, लेकिन अब तक बजट जारी नहीं हुआ।
सरकार ने प्रस्तावित राशि में कैपिटल वर्क को दरकिनार करते हुए केवल प्रचार-प्रसार के लिए धन आवंटित किया है। इससे किन्नू उत्पादक किसानों में निराशा है। करीब एक वर्ष पहले तत्कालीन कलक्टर कानाराम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया था।
टाउन में राजकीय कृषि कॉलेज के पास संचालित एटीसी सेंटर के समीप इसे शुरू करने की योजना बनाई गई थी। यहां करीब 100 बीघा भूमि उपलब्ध है, जहां नहरी पानी की व्यवस्था और पौधों की नर्सरी के लिए उपयुक्त संसाधन मौजूद हैं। यदि यह सेंटर स्थापित होता है, तो जिले में किन्नू उत्पादन, पौध गुणवत्ता, कीट नियंत्रण और नई वैरायटी पर अनुसंधान के नए अवसर मिलेंगे।
किसानों की आमदनी बढ़ाने और बागवानी क्षेत्र का विस्तार करने में भी यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। परंतु लक्ष्मी कृपा (बजट मंजूरी) के अभाव में यह महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है।
इस बार मौसम किन्नू बागवानों के लिए अनुकूल रहा है। बरसात के बाद बागों में फलों की गुणवत्ता बेहतर हुई है। अब कोहरा छाने से इनमें मिठास और बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में जो सौदे हो रहे हैं, उनसे किसानों में उत्साह है। यदि मौसम ने आगे भी साथ दिया तो इस बार किन्नू के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।
-हनुमानगढ़ में कुल 4000 हेक्टेयर में किन्नू बाग लगे हैं।
-औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल है।
-हर वर्ष लगभग 1.08 लाख मीट्रिक टन किन्नू उत्पादन होता है।
-किसानों को वर्तमान में 25 से 30 रुपए प्रति किलो के भाव मिल रहे हैं।
Updated on:
20 Oct 2025 03:55 pm
Published on:
20 Oct 2025 03:48 pm
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