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भरी पंचायत में ASP पर भड़की मृतक की पत्नी – बोलीं, ‘वर्दी से डरते हो, मैं नहीं’

हमीरपुर जिले की सूरजपुर गांव की एक महिला ने पति की संदिग्ध मौत के बाद तीसरे दिन भी जमकर हंगामा किया। अनिल तिवारी (33) को 11 सितंबर को एससी/एसटी एक्ट के एक पुराने केस में कोर्ट में पेशी के दौरान गिरफ्तार कर जिला जेल भेजा गया था। अचानक 14 सिंतबर को उनकी तबीयत बिगड़ी और जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।

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जेल में मौत मामला, अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं परिजन

जेल में मौत मामला, अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं परिजन, PC- X

हमीरपुर जिले की सूरजपुर गांव की एक महिला ने पति की संदिग्ध मौत के बाद तीसरे दिन भी जमकर हंगामा किया। मृतक अनिल तिवारी की पत्नी पूजा तिवारी ने मंगलवार को गांव में बुलाई गई पंचायत में प्रशासनिक अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

पंचायत में भाजपा विधायक मनोज प्रजापति और एएसपी मनोज गुप्ता भी मौजूद थे। सबके सामने पूजा ने एएसपी को ललकारते हुए कहा, 'आप वर्दी के लिए डरते होंगे, मैं नहीं डरती। अगर मुझे इंसाफ नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। मेरे पति की लाश नहीं लूंगी।'

करीब एक घंटे चली पंचायत बेनतीजा रही। इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील पाठक महिला को डीएम ऑफिस ले गए। वहां डीएम घनश्याम मीणा और एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा की मौजूदगी में लंबी बातचीत के बाद पूजा अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुईं।

सूरजपुर गांव के रहने वाले अनिल तिवारी (33) को 11 सितंबर को एससी/एसटी एक्ट के एक पुराने केस में कोर्ट में पेशी के दौरान गिरफ्तार कर जिला जेल भेजा गया था। 14 सितंबर को जेल में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जेल में अनिल की पीट-पीटकर हत्या की गई। शव पर गंभीर चोटों के निशान होने की बात भी उन्होंने कही।

तीन दिन तक शव नहीं लिया, सड़क जाम कर दिया

अनिल की मौत के बाद से परिवारवालों ने शव लेने से इनकार कर दिया था। 15 सितंबर को दो बार जेल गेट पर प्रदर्शन किया गया और हाईवे जाम कर दिया गया। जेल महानिदेशक पीसी मीणा ने डिप्टी जेलर संगेश कुमार और जेल वार्डर अनिल यादव को सस्पेंड कर विभागीय जांच बैठा दी। लेकिन पूजा तिवारी ने तब भी शव लेने से साफ मना कर दिया।

10 साल पुरानी रंजिश का बदला लिया गया

पूजा ने बताया कि 10 साल पहले मोहल्ले के एक दलित परिवार से विवाद के बाद उनके पति पर मारपीट और एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज हुआ था। पिछले 5 साल से अनिल दिल्ली में नौकरी कर रहे थे। वारंट जारी होने पर 11 सितंबर को वे कोर्ट पेशी के लिए घर लौटे थे। उसी दिन उन्हें जेल भेज दिया गया।

डीएम घनश्याम मीणा ने बताया कि पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिलवाया जाएगा और पत्नी को विधवा पेंशन दी जाएगी।

सात लोगों पर FIR दर्ज

पूजा की शिकायत पर जेलर चंडिला, डिप्टी जेलर संगेश, जेल वार्डर अनिल यादव, लंबरदार दीपक, दिलीप, शफी मुहम्मद कैथी और राइटर विनय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

पति की मौत के बाद न्याय की मांग को लेकर अड़ी पूजा तिवारी ने तीन दिन तक शव लेने से इनकार कर दिया। भारी दबाव और उच्चाधिकारियों की गारंटी के बाद ही वह अंतिम संस्कार को तैयार हुईं। मामला अब न्यायिक जांच के अधीन है।