E-Rickshaw
ग्वालियर. ट्रैफिक की चाल सुधारने के लिए 11 महीने पहले (पिछले साल दीपावली पर) ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन और इन्हें दो शिफ्ट (12-12 घंटे की पाली) में चलाना तय हुआ था। फिर भी ई रिक्शा बेलगाम हैं। ताजा हालात में 3 हजार ई रिक्शा की भीड़ दो नंबर में सडक़ों को घेरकर घूम रही है। यातायात समिति की बैठक में प्रशासन और पुलिस ने इसकी हामी भरी है। इससे जाहिर है 3 हजार ई रिक्शा का पंजीयन नहीं हैं तो रिक्शा ऑपरेटर दो पाली के नियम का पालन भी नहीं मान रहे हैं। इस मनमानी ने प्रशासन और पुलिस की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि सरकारी अमला लगातार दावा कर रहा है कि शहर में पांच जगहों पर ई रिक्शा का पंजीयन किया जा रहा है।
ई-रिक्शा ट्रैफिक की चाल बिगाड़ रहे हैं लोग तो लगातार चिल्ला रहे हैं। दीपावली का त्योहार नजदीक आ गया है तो प्रशासन और पुलिस ने फिर ट्रैफिक की चाल पर फोकस किया है। यातायात की हालत पिछले साल से भी बदतर है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी मानते हैं बाजारों में जाम के प्वाइंटस रट गए हैं, लेकिन सुधारे नहीं हैं। पिछले साल दीपावली पर ई-रिक्शा के पंजीयन, कलर कोङ्क्षडग और दो पालियों में संचालन के साथ तय हुआ था रिक्शा बाड़े पर हेमू कलानी चौक तक आएंगे यहां सवारी छोडकऱ वापस जाएंगे। सवारियों के इंतजार में हेमू कलानी चौक पर खड़े होकर रास्ता नहीं रोकेंगे। फिर इन्हें बाड़े से सराफा में बिना रुके जाने की छूट दी गई। लेकिन ई-रिक्शा ऑपरेटर्स ने प्रशासन के फरमान को खूंटी पर टांगा। हेमू कलानी चौक ई-रिक्शा का अघोषित स्टैंड बन चुका है।
इस बार भी पुलिस ने त्योहार को लेकर महाराज बाड़ा और सराफा बाजार में यातायात का प्लान बनाया है। इसमें पुराने फरमान को दोहराया गया है कि सराफा बाजार में वाहनों को ब्रेक नहीं लगने दिया जाएगा। यही फरमान पिछले साल भी दीपावली पर सुनाया गया था, लेकिन बाड़े से सराफा बाजार के एंट्री प्वाइंट, सराफा बाजार में ई-रिक्शा चालक सवारियों के इंतजार में कतार लगाकर बाजार के रास्ते पर जाम की वजह बने हैं।
हेमू कलानी चौक पर सवारियों के इंतजार में ई-रिक्शा का जमघट रोकने यातायात पुलिसकर्मी की ड्यूटी है। इनके अलावा जनकगंज थाने की गांधी मार्केट चौकी पर थाने का बल रहता है। उसके बावजूद ई-रिक्शा चौक के दोनों तरफ की सडक़ घेरे रहते हैं। बाड़ा और सराफा बाजार में ट्रैफिक संचालन के लिए बाड़े पर यातायात पुलिस की चौकी है। उसके ही सामने बाड़े से सराफा बाजार के एंट्री प्वाइंट पर सवारियों के इंतजार में ई रिक्शा की लाइन लगती है।
जिस तेजी से वाहनों की गिनती बढ़ रही है उस हिसाब से यातायात को चलाने के लिए रास्ते भी तैयार करने होंगे। सिर्फ त्योहार पर या विशेष अवसर पर काम चलाऊ प्लाङ्क्षनग से ट्रैफिक का संचालक कारगर साबित नहीं होगा। पूरे साल से ई-रिक्शा का पंजीयन और कलर कोङ्क्षडग हो रही है। फिर भी तीन हजार ई-रिक्शा उसके घेरे से बाहर हैं। त्योहार पर बाजारों में खरीदारों की भीड़ पर यातायात की प्लाङ्क्षनग हो रही है। लेकिन इन बाजारों तक आने वाले रास्तों के बारे में कोई प्लान नहीं है। जब रास्ते ही जाम होंगे तो बाजारों की हालत तो खुद व खुद बिगड़ेगी। ई-रिक्शा, समेत दूसरे सवारी वाहनों के चलने के दायरे तय करने होंगे। सडक़ घेरने वालों पर गंभीरता से कसावट करना होगी तब हालात सुधरेंगे।
दीपक भार्गव रिटायर्ड सीएसपी
Published on:
06 Oct 2025 06:03 pm
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