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डिजिटल इंडिया का छाया जादू : ठेले से मॉल तक बढ़ा यूपीआइ से पेमेंट, कैश पर निर्भरता कम

त्योहारों का मौसम है, बाजार गुलजार हैं, लेकिन इस बार ग्राहकों के हाथ में थैली और जेब में कैश की जगह स्मार्टफोन और क्यूआर कोड ने ले ली है। ग्वालियर ही नहीं मप्र के बाजारों ...

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upi payments

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ग्वालियर. त्योहारों का मौसम है, बाजार गुलजार हैं, लेकिन इस बार ग्राहकों के हाथ में थैली और जेब में कैश की जगह स्मार्टफोन और क्यूआर कोड ने ले ली है। ग्वालियर ही नहीं मप्र के बाजारों में भी डिजिटल पेमेंट का बोलबाला है। आम दिनों के मुकाबले इन दिनों डिजिटल पेमेंट में 60त्न तक की बढ़ोतरी हुई है। अब लोग कैश की जगह यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यह आसान, सुरक्षित और तेज है। होम क्रेडिट इंडिया की द ग्रेट इंंडियन वॉलेट-25 की ओर से 18 से 55 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के सर्वे में निकलकर आया है कि 77 फीसदी लोग नियमित रूप से यूपीआइ का उपयोग कर रहे हैं।

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एटीएम की संख्या भी घट गई

यूपीआइ से ट्रांजेक्शन बढऩे का असर बैंकों के एटीएम पर भी दिखने लगा है। पहले एटीएम पर कैश निकालने वालों की लंबी कतारें दिखती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। यही वजह है कि ग्वालियर में एटीएम की संख्या 550 से घटकर 450 तक रह गई है। बैंकों द्वारा पांच ट्रांजेक्शन के बाद लगाए जाने वाले शुल्क भी एक बड़ी वजह है, जिसके चलते लोग डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मप्र सहित अन्य राज्यों में भी डिजिटल पेमेंट

  • अगस्त में महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 1985 मिलियन (लगभग 1.98 अरब) यूपीआइ ट्रांजेक्शन हुए, जो पूरे देश का 9.92त्न है।
  • वहीं, मध्य प्रदेश भी 436 मिलियन (लगभग 43.60 करोड़) यूपीआइ ट्रांजेक्शन के साथ 11वें नंबर पर रहा।
  • होम क्रेडिट इंडिया के एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 77त्न लोग नियमित रूप से यूपीआइ का इस्तेमाल कर रहे।

एनपीसीआइ अगस्त (2025) के आंकड़े

राज्य----------------ट्रांजेक्शन
महाराष्ट्र----------------1985 मिलियन
कर्नाटक----------------1077 मिलियन
उत्तरप्रदेश----------------1059 मिलियन
तेलंगाना----------------803 मिलियन
तमिलनाडू----------------799 मिलियन
आंध्रप्रदेश----------------551 मिलियन
राजस्थान----------------571 मिलियन
गुजरात ----------------515 मिलियन
दिल्ली----------------487 मिलियन
प. बंगाल----------------436 मिलियन
मध्यप्रदेश----------------436 मिलियन

यूपीआइ लेन-देन एक पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है

डिजिटल ट्रांजेक्शन के चलते प्रचलन में मुद्रा के चलन में निश्चित तौर पर कमी आई है। शहर से लेकर गांव तक यूपीआइ लेन-देन एक पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है, आमजन के ऐसा करने निश्चित तौर पर एटीएम पर भी लोड कम हुआ है।
अमिता शर्मा, एलडीएम ग्वालियर

ग्राहकों को यूपीआइ से भुगतान करना आसान लगता है

अब तो 75 फीसदी लोग यूपीआइ पेमेंट ही कर रहे हैं। हमें भी आसानी हो रही है क्योंकि पैसा सीधे बैंक में पहुंच जाता है। नकदी रकम लेकर आने वाले ग्राहकों की संख्या काफी कम हो गई है। ग्राहकों को यूपीआइ से भुगतान करना आसान लगता है।
गोपी गुलवानी, मार्ट संचालक