
इसलिए कोर्ट ने निरस्त की सामूहिक बलात्कार की एफआइआर
ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सामूहिक बलात्कार की एफआइआर को निरस्त कर दिया है। यह एफआइआर समझौते के आधार पर समाप्त की गई है। पीड़ता ने अपने पति व जेठ पर महिला थाना भिंड में सामूहिक बलात्कार का केस दर्ज कराया था।पति व जेठ ने हाईकोर्ट में एफआइआर निरस्त करने के लिए याचिका दायर की। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि झूठे आरोप के आधार पर महिला थाना भिंड ने केस दर्ज कर लिया। पीडि़ता व आरोपियों ने समझौता कर लिया है। पति व जेठ के ऊपर बलात्कार व दहेज एक्ट का केस दर्ज करा दिया था। कोर्ट ने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के यहां बयानों के लिए दोनों पक्षों को भेजा। दोनों ने स्वेच्छा से समझौते की जानकारी दी। समझौते के आधार पर एफआइआर निरस्त कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे केसों में भी समझौते की व्यवस्था की है, जिनमें समझौता नहीं किया जा सकता है। क्योंकि दोनों पक्ष राजीनामा कर चुके हैं। केस के विचारण में जो समय बर्बाद होगा, उसका उपयोग दूसरे केस में किया जा सकता है। इसलिए न्याय हित में एफआइआर खत्म करना उचित होगा। समझौते के आधार पर बहनोई से बलात्कार का दाग हट गया।
Published on:
22 Feb 2024 02:22 am
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