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नया खतरा: ईयरफोन और ईयरबड कर रहा कान लॉक…जबड़े ब्लॉक, युवा ज्यादा परेशान

ईयरफोन और ईयरबड का ज्यादा उपयोग करने का शौक युवाओं के कानों पर भारी पड़ रहा है। कम उम्र में ही सुनने की क्षमता खो रहे युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों में चेकअप के लिए आने वाले मरीज मानते हैं कि पिछले कुछ समय से सोते-जागते कान में ईयरफोन

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Earphones problem ears

Earphones problem ears

ग्वालियर. ईयरफोन और ईयरबड का ज्यादा उपयोग करने का शौक युवाओं के कानों पर भारी पड़ रहा है। कम उम्र में ही सुनने की क्षमता खो रहे युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों में चेकअप के लिए आने वाले मरीज मानते हैं कि पिछले कुछ समय से सोते-जागते कान में ईयरफोन लगाए रहना उनकी आदत बन गई है, जिसके बाद से उनके कानों में सीटी की आवाज और भारीपन महसूस हो रहा है। ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर कान 90 डेसीबल तक की आवाज सहन कर सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा आवाज सुनने की क्षमता पर सीधा असर डालती है। जेएएच और मुरार जिला अस्पताल के ईएनटी विभाग में रोजाना 10 से 15 युवा इसी शिकायत को लेकर इलाज के लिए आ रहे हैं।

नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, ईयर प्लग का चलन जब से तेज हुआ है, कान की शिकायतें भी बढ़ी हैं। खासकर ऑनलाइन सेल्स वर्कर, हेल्पलाइन कर्मचारी, कॉल सेंटर के कर्मचारी, ऑनलाइन पढ़ाने वाले ट््यूटर और पढ़ाई करने वाले छात्रों में यह शिकायतें ज्यादा हैं, क्योंकि ये लोग 24 घंटे में से 10 घंटे से ज्यादा ईयरफोन और ईयरबड का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कान लॉक और जबड़े ब्लॉक

ईयर प्लग (इयरफोन, ईयरबड, ब्लूटूथ जैसे उपकरण जो कान के अंदर लगाए जाते हैं) का इस्तेमाल घातक है, क्योंकि इनके उपयोग से कान के अंदर शुद्ध हवा का प्रवेश रुक जाता है। इनकी वजह से कान लॉक हो रहे हैं और इन उपकरणों का इस्तेमाल करने वालों के कान में फंगस और इंफेक्शन की शिकायतें बढ़ रही हैं। ज्यादा समय तक ईयरफोन के इस्तेमाल से जबड़ों का एलाइनमेंट बिगड़ता है और लोगों के जबड़े जाम हो रहे हैं। ईयरफोन के एक बड में आवाज तेज आती है, जबकि दूसरे में आवाज कम आती है।
डॉ. अमित रघुवंशी, ईएनटी विभाग, मुरार जिला अस्पताल