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दुग्ध उत्पादकों को रिकॉर्ड 840 रुपए फेट दर की गई , नई समितियां बनेंगी गांव-गांव

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ की 39वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक शनिवार को संभाग आयुक्त एवं प्राधिकृत अधिकारी ग्वालियर दुग्ध संघ मनोज खत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

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Gwalior Co-operative Milk Union

Gwalior Co-operative Milk Union

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ की 39वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक शनिवार को संभाग आयुक्त एवं प्राधिकृत अधिकारी ग्वालियर दुग्ध संघ मनोज खत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बताया कि दुग्ध क्रय दर 700 रुपए से बढ़ाकर 840 रुपये प्रति किलोग्राम फेट कर दी गई है, जो संघ के इतिहास में सबसे अधिक है साथ ही अधिक गांवों को दुग्ध सहकारिता से जोड़ने के लिए नई दुग्ध समितियां गठित करने के निर्देश दिए गए।

संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने कहा कि ग्वालियर-चम्बल संभाग के किसान कृषि के साथ पशुपालन को भी प्राथमिकता दें और सहकारिता के माध्यम से समितियां गठित कर उच्च गुणवत्ता का दूध संघ को उपलब्ध कराएं। उन्होंने दुग्ध संघ अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर नई समितियों का गठन सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को दूध का उचित मूल्य और समय पर भुगतान मिल सके। कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिला पंचायत सीईओ समन्वय कर ग्रामों में नई समितियों का गठन शीघ्र करें। इससे अधिक से अधिक गांवों तक सहकारिता का लाभ पहुँचेगा।

2024-25 की उपलब्धियां

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 67 दुग्ध सहकारी समितियों ने औसतन 10,110 किलोग्राम प्रतिदिन दूध प्रदाय किया। इस दौरान किसानों को 600 से 700 रुपए प्रति किग्रा फेट की दर से, औसतन 45.06 रुपए प्रति किलो दूध का भुगतान किया गया। अब दर बढ़ाकर 840 रुपये प्रति किग्रा फेट कर दी गई है, जो संघ के इतिहास में सबसे अधिक है।

-प्रबंध संचालक एमपीसीडीएफ. डॉ. संजय गोवाणी ने बताया कि 13 अप्रैल 2025 को हुए समझौते के बाद लंबित भुगतान किसानों को कर दिए गए हैं। अब किसानों को हर माह की 5, 15 और 25 तारीख को नियमित भुगतान हो रहा है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड, पशुधन बीमा योजना और युवाओं को पशुपालन हेतु प्रोत्साहन जैसी योजनाएं भी लागू हैं।

-बैठक में बताया गया कि इस वर्ष कुछ दुग्ध शीतकेंद्रों को गुणवत्ता के अभाव में बंद करना पड़ा, लेकिन शहरी उपभोक्ताओं को दूध की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जबलपुर, उज्जैन और बुंदेलखंड दुग्ध संघों से अतिरिक्त दूध प्राप्त कर उपलब्ध कराया गया।