Gwalior News neoteric builder (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News:मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में शासन प्रशासन की आंखों के सामने नियोटेरिक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कई दिनों तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करती रही और करोड़ों की सरकारी जमीन पर बहुमंजिला इमारत तान डाली। मामला सिटी सेंटर स्थित डोंगरपुर का है, जहां नियोटेरिक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बहुमंजिला इमारत बनाने और रास्ता निकालने का आरोप है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित है, और सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश भी दिया है। इसके बावजूद, बिल्डर आरडी गुप्ता ने निर्माण कार्य जारी रखा है।
डोंगरपुर हल्के के सर्वे क्रमांक 22, 18, और 30 की कुल 1.356 हेक्टेयर भूमि को नियोटेरिक कंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने दबा लिया है। सर्वे क्रमांक 22 पर 40 डुप्लेक्स, सर्वे क्रमांक 18 पर फ्लैट स्कीम बना दी गई है, जबकि सर्वे क्रमांक 30 की भूमि से रास्ता निकाल दिया गया है। नियोटेरिक के संचालक राहुल गुप्ता से पूरे मामले पर पक्ष लेने के लिए फोन किया और मैसेज भी भेजा। उनका जवाब नहीं आया।
2011 में डोंगरपुर के सर्वे क्रमांक 18, 22, 30 की 1.356 हेक्टेयर भूमि का संयुक्त सर्वे किया गया था। सर्वे में पाया गया कि जीएलआर रियल एस्टेट ने तीनों सर्वे नंबर की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है।
डोंगरपुर की शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में दो विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की हैं। इन याचिकाओं में जीएलआर रियल एस्टेट को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले की सुनवाई 5 मई 2025 को हुई थी।
नियोटेरिक कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड, जीएलआर रियल एस्टेट समूह की सहायक कंपनी है। इसने डोंगरपुर में ‘नेचर पार्क’ टाउनशिप विकसित की। जिसका सर्वे नं. 23 और 29 है, लेकिन इसे मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए कंपनी ने आरक्षित वन भूमि सर्वे नंबर 18 व 22, ग्राम डोंगरपुर, तहसील ग्वालियर पर अवैध रूप से सड़क बना दी है।
नियोटेरिक ने ई पार्क के नाम से भी एक कॉलोनी विकसित की है। इस पार्क में वन भूमि पर कब्जा करने का आरोप है। एक शिकायत में ओहदपुर के सर्वे क्रमांक 347, 345, 348, 354 की भूमि हथियाने का आरोप है, खसरे में वन भूमि लिखा होने के बावजूद उसे हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के 1996 के गोदावर्मन जजमेंट की अवमानना बताया है। साथ ही, 9 जुलाई 2021 को जारी की गई नजूल एनओसी को निरस्त करने की मांग की है।
हाईकोर्ट में नियोटेरिक के खिलाफ जनहित याचिका दायर है। इसमें शासन को जवाब देना है। इस जनहित याचिका पर 17 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।
Updated on:
15 Oct 2025 09:06 pm
Published on:
15 Oct 2025 11:59 am
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